
सीमा पर धड़ल्ले से चल रहा नशे का अवैध धन्धा और तस्करी
रूपईडीहा(बहराइच)। भारत नेपाल सरहदी क्षेत्र रूपईडीहा के वैधानिक रूप से भारत के रूपईडीहा से नेपाल के नेपालगंज तक भारत-नेपाल के बीच महज एक कारोबारी रास्ता हैं लेकिन हकीकत यह है कि खुली सीमा पर असंख्य चोर दरवाजे हैं। कही जंगल तो कहीं नदी और नाले हैं। भारत तथा मित्र राष्ट्र नेपाल की जनता बॉर्डर सील
रूपईडीहा(बहराइच)। भारत नेपाल सरहदी क्षेत्र रूपईडीहा के वैधानिक रूप से भारत के रूपईडीहा से नेपाल के नेपालगंज तक भारत-नेपाल के बीच महज एक कारोबारी रास्ता हैं लेकिन हकीकत यह है कि खुली सीमा पर असंख्य चोर दरवाजे हैं। कही जंगल तो कहीं नदी और नाले हैं। भारत तथा मित्र राष्ट्र नेपाल की जनता बॉर्डर सील होने के बाद से सामान्य आवागमन नहीं कर पा रही है लेकिन उसके बावजूद असंख्य चोर दरवाजे के रास्तों का फायदा तस्कर उठा रहे हैं।
बॉर्डर पर तस्करी धंधे का रूप धर चुका है। एसएसबी के ट्रैप से भी यह साबित है कि नशीले,पदार्थों,मवेशियों और मानव तस्करी के लिए यह खुली सीमा किस हद तक खतरनाक बन चुकी है,फिर भी समय समय पर एसएसबी अवैध कारोबारियों को सीमा पर दबोचती आ रही है।बॉर्डर में अनगिनत छेद है। कितने को पाटेंगे,कितने मेटल डिटेक्टर लगाएंगे,फेंसिंग तो है नहीं दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। बॉर्डर के असंख्य लोगों के पास दोहरी नागरिकता है। लोगों की खेती दोनों ओर है।
रुपईडीहा सीमा चौकी मेन रास्ता को छोड़ दिया जाए तो पता नहीं चलता हम नेपाल में हैं या भारत में। पूरे बॉर्डर पर कई लोग दोनों देश के नागरिक हैं। मवेशी,मादक पदार्थ,ह्यूमन ट्रैफिकिंग, छुआरा, मटर, तंबाकू, मेघा श्री की तस्करी आम है जिसका जीता जागता उदाहरण जिला बांके की पुलिस लगातार नशे में लिप्त भारतीय कारोबारी को नशे के सामान साथ पकड़ रही है ।
आपको बताते चलें भारत नेपाल सरहदी क्षेत्र रूपईडीहा में कई एजेंसी तैनात हैं उसके बाद भी नशे के कारोबार करने वाले इनके चंगुल से दूर है जबकि नेपाल की पुलिस लगातार बॉर्डर सील होने के बाद भी नशे के कारोबार में लिप्त लोगों को पकड़ रही है और सलाखों के पीछे भेज रही है ।
रिपोर्ट – रईस