क्या आपको पता है सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है रेलवे कर्मचारियों का काम

क्या आपको पता है सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है रेलवे कर्मचारियों का काम

मानिकपुर(चित्रकुट):- रेल सर्तकता व सुरक्षा को लेकर रेल कर्मी हर समय मुस्तैद हो रेलवे ट्रेक मे निगरानी मे जुटे हुए है । सर्दी का मौसम के आते ही रेल परिसंपत्तियों के रखरखाव बढ़ाने की आवश्यकता होती है ताकि विफलताओं को टाला जा सके और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित किया जा सके। सर्दी के मौसम के मद्देनजर

मानिकपुर(चित्रकुट):- रेल सर्तकता व सुरक्षा को लेकर रेल कर्मी हर समय मुस्तैद हो रेलवे ट्रेक मे निगरानी मे जुटे हुए है । सर्दी का मौसम के आते ही रेल परिसंपत्तियों के रखरखाव बढ़ाने की आवश्यकता होती है ताकि विफलताओं को टाला जा सके और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित किया जा सके। सर्दी के मौसम के मद्देनजर पश्चिम मध्य रेेेलवे ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले ही विभिन्न कार्रवाई शुरू की है। बता दे कि सर्दी के मौसम के दौरान रेलवे ट्रैक रात्रि दौरान सिकुड़ जाता है और दिन के समय फैलता है। इस तरह के अचानक तापमान में बदलाव से प्राय: रेल ट्रैक में दरार हो जाते हैं जिसके चलते सुरक्षा खतरा में पड़ जाता है।

मद्देनजर पश्चिम मध्य रेलवे की समूचे ट्रैक की हर जगह सघन पेट्रोलिंग की जाती है ताकि ट्रैक में टूट की संभावना वाले इलाके में दरार का पता लगाया जा सके। मुम्बई हावड़ा रेलमार्ग के सतना मानिकपुर रेलखण्ड के टिकरिया , मारकुण्डी , बासा पहाड सेक्सन मे ज्यादातर रेलवे ट्रेक के चटकने पर निगरानी तेज कर दी गई है । सामान्य तौर इस प्रकार के मामले रात्रि या तड़के सुबह के दौरान होते हैं जब तापमान काफी कम रहता है। इसलिए रात्रि और तड़के सुबह के दौरान प्रभावी पेट्रोलिंग काफी महत्वपूर्ण है जब तापमान अपने न्यूनतम पर होता और गश्ती करने वाले इस खराब मौसम में अपने गश्त क्षेत्रों में पेट्रोलिंग कर रहे होते हैं। पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित ने बताया कि रेल ज्वाइंटों और वेल्डों को किसी तरह की गड़बड़ी प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से निगरानी की जा रही हैं। गड़बड़ी प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की निगरानी की जा रही है और पिछले पाच वर्षो की उपलब्ध रिकॉर्ड से तुलना किया जा रहा है ताकि तापमान में परिवर्तन होने के चलते रेल दरार की संभावना को रोकने के लिए औसत रेल तापमान प्राप्त किया जा सके। लॉग वेल्ड रेलों (एलडब्ल्यूआर) वाले सेक्शनों का डिस्ट्रेसिंग भी किया जा रहा है। एसईजे ज्वाइंटों का उस समय निगरानी किया जा रहा है, जब लोवर साइड के तापमान के व्यवहारों में किसी तरह का बदलाव पाया जाता है। आल्ट्रासोनिक फाउल्ट डिटेक्शन (यूएसएफडी) उपकरण भी दोष या दरार को खोजने में उपयोग किया जा रहा है, जो खाली आख से आमतौर पर दिखायी नहीं देते हैं।
आवश्यक उपकरणों का उपयोग

ट्रैकमेन, पेट्रोलमेन और कीमैन को गड़बड़ी को खोजने और सुरक्षात्मक पहल के लिए उचितढंग से सलाह और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फील्ड स्टॉफ को सर्दी में पेट्रोलिंग ड्यूटी के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जा रहै हैं। इन उपकरणों में रिचार्जेबुल टॉर्च, फॉग सिगनल, दो ट्राई-कॉलर हैंड सिगनल लैंप, दो रेड फ्लैग और एक ग्रीन फ्लैग, गम बूट, सुरक्षावाले कपड़े, सुरक्षा जैकेट इत्यादि शामिल है।

जीपीएस ट्रैकिंग उपकरण भी उपलब्ध,,
पश्चिम मध्यरेलवे के पीड०लूआई आशीष कुमार शर्मा ने बताया गैगमैन व चाबीमैन आदि कर्मचारी कभी-कभी गश्ती करनेवाले को प्रभावी पेट्रोलिंग के लिए मूवमेंट की निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकिंग उपकरण भी उपलब्ध कराया जाता है। सर्दी के मौसम के साथ धुंध भी आता है, परिणामस्वरूप ट्रेन चालकों के लिए देखने की समस्या उत्पन्न होती है। इसके मद्देनजर पूरे सेक्शन में उचित दृश्यता के लिए विभिन्न इंडिकेशन बोर्ड और लिफ्टिंग बैरियर गेटों को दोबारा पेंट या लुमिनस इंडिकेशन स्ट्रीपों के साथ व्यवस्था की जा रही है ।

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रिपोर्ट : शेषमणि गुप्ता

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