
संकट मोचन हनुमान मंदिर के बड़े महंत हुए ब्रह्मलीन
बहराइच :- रूपईडीहा इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के बड़े महंत राम लखन दास जी महाराज ने सोमवार सुबह देह त्याग दिया। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। मंदिर पहुंचे भक्तों ने उनके अंतिम दर्शन किए। सेवादारों ने रुपईडीहा के संकट मोचन हनुमान मंदिर
बहराइच :- रूपईडीहा इंडो नेपाल बॉर्डर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के बड़े महंत राम लखन दास जी महाराज ने सोमवार सुबह देह त्याग दिया। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। मंदिर पहुंचे भक्तों ने उनके अंतिम दर्शन किए। सेवादारों ने रुपईडीहा के संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में विधि विधान से अंतिम क्रिया की।
निस्वार्थ भाव की सेवा से अभिभूत तत्कालीन महंत श्री श्री 108 राम दयाल दास ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इसके बाद वर्ष 1994 में महंत राम दयाल दास के ब्रह्मलीन होने पर उन्होंने संकट मोचन हनुमान मंदिर की गद्दी संभाली थी। इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर का सुंदरीकरण कराने के साथ मंदिर परिसर की खाली भूमि पर सेवादारों को बसाया था।
सोमवार सुबह महंत राम लखन दास ने 55 वर्ष की उम्र में अपनी देह त्याग दी, वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके ब्रह्मलीन होने की जानकारी होते ही आसपास के क्षेत्रीय भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के बाद कई राजनीतिक पार्टियों के नेता व प्रशासनिक अधिकारी भी अंतिम दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। उनके करीबियों ने बताया कि महंत के पार्थिव शरीर को रुपईडीहा के संकट मोचन हनुमान मंदिर में रखा जाएगा तथा यहीं पर ही उनकी अंतिम क्रिया की जाएगी ।
अंतिम क्रिया के समय,जगमोहन जायसवाल, रामचंद्र जायसवाल, दीपक जायसवाल, मंगल सोनी ,व्यापार मंडल के महामंत्री संजय कुमार वर्मा, महेश जयसवाल, डॉक्टर सनत कुमार शर्मा, आकाश जायसवाल, अवधेश जायसवाल, रामचंद्र अग्रवाल,रमेश अमलानी, विजय मित्तल, डॉ0 उमाशंकर वैश्य आदि लोग उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट- रईस