
भारत नेपाल सीमा पर मानवता हो रही शर्मसार
रुपईडीहा(बहराइच)। चिलचिलाती धूप,गर्मी में भारीभरकम लगेज,बैग आदि हाथ से घसीटते हुए यात्री सड़कों पर पैदल भारत नेपाल सीमा रूपईडीहा चेकपोस्ट से कठिनाइयों से गुजरते हैं ।सबसे ज्यादा हृदय विदारक स्थिति तब देखने को मिलती है जब उपचार कराने जाने वाले बीमार लोग के साथ महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चें भारी भरकम बैक के साथ कठिनाइयों का
रुपईडीहा(बहराइच)। चिलचिलाती धूप,गर्मी में भारीभरकम लगेज,बैग आदि हाथ से घसीटते हुए यात्री सड़कों पर पैदल भारत नेपाल सीमा रूपईडीहा चेकपोस्ट से कठिनाइयों से गुजरते हैं ।
सबसे ज्यादा हृदय विदारक स्थिति तब देखने को मिलती है जब उपचार कराने जाने वाले बीमार लोग के साथ महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चें भारी भरकम बैक के साथ कठिनाइयों का सामना करते हुए पैदल बॉर्डर से गुजरते हैं ।
एक बुजुर्ग उम्र तकरीबन 75 वर्ष हाथों में छड़ी लिए हो चिलचिलाती धूप में पैदल ही नेपाल से भारत मे प्रवेश कर रहे हैं।यही हाल एक बुजुर्ग महिला का है।जिसकी बेटी रिक्शेवाले से मिन्नते कर रही कि रुपईडीहा तक हमको पहुंचा दो परंतु रिक्शेवाले ने यह कहते हुए मना कर दिया कि माता जी रिक्शा ले जाना मना है।यह हाल है इस इंडोनेपाल सीमा का जहां इस प्रकार की तस्वीरे प्रतिदिन दिखाई पड़ रही है।कारण है सीमा सील होने के कारण पैदल छोड़ सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा है।आपको बताते चलें कि वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष भारत नेपाल सीमा सील कर दी गई थी।जो एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आधिकारिक रूप से नही खुली है।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि सीमा सील होने के बाद दोनों देशों के स्थानीय अधिकारियों में यह तय हुआ था कि मानवीय आधार पर यदि कोई मरीज़ या बुजुर्ग को अ आवागमन की छूट प्रदान की जाएगी।
पिछले कुछ माह से सीमा पर आवागमन तो चालू हो गया है।लेकिन मालवाहक वाहनों के अतिरिक्त निजी वाहनों को नही चलने दिया जा रहा है।शादी ब्याह तथा इलाज के लिए लोगो को एक दूसरे देश की यात्रा करनी पड़ती है।इतना ही नही भारत तथा नेपाल के बीच रोटी बेटी के सम्बंध होने के कारण प्रतिदिन सीमावर्ती इलाकों के लोगों का एक दूसरे के यहां आना जाना लगा रहता है। इतना ही नही नेपालगंज स्थित फत्तेबाल आंख अस्पताल में गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर,लखीमपुर, बाराबंकी,फैज़ाबाद सहित कई अन्य जिलों से मरीज़ अपनी आंखों का इलाज कराने आते हैं।इन लोगों का कहना है कि भारत के बनिस्बत नेपाल में आंख का ऑपरेशन सस्ता व सुलभ होता है।
चार दिनों पूर्व नेपालगंज में आयोजित भारत नेपाल मैत्री संघ की बैठक में भी निजी वाहनों को चलाये जाने का मसला ज़ोर शोर से उठा।लगभग 10 दिनों पूर्व स्थानीय थाना परिसर में नेपाल व भारत के अधिकारियों की बैठक में भी रुपईडीहा व्यापार मंडल व पत्रकारों ने निजी वाहनों व रिक्शा तांगा चलाये जाने की मांग आलाअधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की गई थी।लेकिन अभी तक इस पर किसी ने भी ध्यान नही दिया।इसी कारण इलाक़ाई लोगो को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बॉक्स के लिए आमनागरिको को तो सीमा पर वाहनों को लाने ले जाने में रोका जाता है परंतु चेक पोस्ट के उस ओर कई संस्थान व दुकान के संचालक,स्टॉप दिनभर मोटरसाइकिल से फर्राटा भरते रहते हैं यही नहीं नेपाली सरकारी वाहन दिन भर निजि काम से सीमा पर आते जाते रहते हैं।
पत्रकारों ने इस बाबत रुपईडीहा बीओपी चेकपोस्ट पोस्ट पर कुछ गाड़ियों को आवागमन में छूट पर पूछा तो जवाब था जी कोई गाड़ियां नहीं चल रही है लेकिन लोगों का दावा है कि अगर एसएसबी के उच्च अधिकारी सीमा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करा ले तो कैमरे में दिनभर रसूखदार लोगों की गाड़ियां फर्राटा भरते नजर आएंगी ।
रिपोर्ट रईस