दुखद : मां का शव लेकर आ रही बेटी ने भी रास्ते में एंबुलेंस में तोड़ा दम

दुखद : मां का शव लेकर आ रही बेटी ने भी रास्ते में एंबुलेंस में तोड़ा दम

लखीमपुर खीरी :- कहते हैं ना कि जब गम का पहाड़ टूटता है तो कभी-कभी इकट्ठे गम दे देता है। ऐसा ही एक दिल को झकझोर देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जनपद से सामने आया है। जिसे सुन आपका दिल सहम जाएगा। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ थाना क्षेत्र

लखीमपुर खीरी :- कहते हैं ना कि जब गम का पहाड़ टूटता है तो कभी-कभी इकट्ठे गम दे देता है। ऐसा ही एक दिल को झकझोर देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जनपद से सामने आया है। जिसे सुन आपका दिल सहम जाएगा। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ थाना क्षेत्र के अंतर्गत झसिया गांव रहने वाली सरोजिनी वर्मा पत्नी राजेश कुमार वर्मा जोकि एक रिटायर्ड अध्यापिका थी। जिनको बीमारी के चलते इलाज के लिए लखनऊ के किसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के दौरान सरोजिनी बर्मा की अस्पताल में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सरोजिनी वर्मा को कई बीमारियां थी जिसका इलाज लखनऊ में चल रहा था। मृत्यु के बाद परिजन उनका शव एंबुलेंस के जरिए गांव जा रहे थे कि तभी अचानक से एक ऐसी दुखद घटना सामने आई जिसने पूरे परिवार को और बुरी तरह से तोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि जिस एंबुलेंस से मृत सरोजिनी का शव लाया जा रहा था उसमें उनकी बेटी एवं बेटा भी मौजूद था। पता चला है कि एम्बुलेन्स जब शव लेकर लखनऊ से इटौंजा के आगे निकली, तभी उसमें बैठी सीमा वर्मा(मृत सरोजिनी बर्मा की पुत्री) की भी हालत बिगड़ गई। घरवाले कुछ समझ पाते इससे पहले ही सीमा की भी एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। शव के साथ आ रहे बेटे ने फोन कर घरवालों को अफसोसजनक खबर दी। पहले से ही घर में मातम था कि एक और दुखद खबर अपने परिवार वालों को और झकझोर दिया। बेटी की मौत से परिजन और बुरी तरह टूट गए। सभी का रो रो कर बुरा हाल है। जब यह खबर गांव वालों को मिली तो पूरे गांव में मातम छा गया । किसी की समझ में यह नहीं आ रहा था कि अचानक यह आखिर हो क्या गया। सबसे बड़ा सवाल तो यह उठ रहा था कि बेटी की मौत आखिर किस कारण बस हुई। फिलहाल यह अभी पहेली ही बनी हुई है। बेटी की मौत का कारण फिलहाल अभी सामने नहीं आया है।

स्वास्थ्य विभाग को नहीं पता घटना की जानकारी

मां बेटी की मौत की दुखद घटना के बारे में फिलहाल स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी नहीं है। विभाग को यह भी नहीं पता कि उनमें कोरोना था या नहीं। एक अधिकारी ने बताया कि मौत उनके जिले में नहीं हुई है, इसलिए वह कुछ नहीं कह सकते। लखनऊ के अस्पताल के पर्चे देखकर पता चलेगा। उनका कहना है कि कोरोना से मौत होती तो घरवालों को शव ही नहीं सौंपा जाता। इसलिए मान लीजिए कि कोरोना नहीं था।

रिपोर्ट : अमरकांत

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