
सीवेज वाटर में मिला कोरोना संक्रमण , मचा हड़कंप
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक तरफ तो आंशिक कर्फ्यू धीमे-धीमे बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नई वाला सामने आई है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण ऐसी जगह से मिला कि सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। अभी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक तरफ तो आंशिक कर्फ्यू धीमे-धीमे बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नई वाला सामने आई है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण ऐसी जगह से मिला कि सबके पैरों तले जमीन खिसक गई।
अभी कुछ दिन पूर्व ही हवा में कोरोना संक्रमण फैलने की बातें सामने आई थी। जिसको वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से नकार दिया था। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी से एक ऐसी खबर सामने आई है। जिससे सभी लोग हैरान हो गए हैं। दरअसल, लखनऊ के सीवेज वाटर में कोरोना वायरस की पहचान होने के बाद लोगों में खौफ पैदा हो गया है।
पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. उज्ज्वला घोषाल ने बताया कि आईसीएमआर-डब्लूएचओ द्वारा देश में सीवेज सैंपलिंग शुरू की गई। इसमें यूपी में भी सीवेज के नमूने लिए गए है। इसमें देशभर के अलग-अलग शहरों से पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि लखनऊ में तीन जगहों पर सीवेज सैंपल लिए गए हैं। लखनऊ में जिन तीन साइट से सीवेज सैंपल लिए गए हैं। उनमें वह स्थान हैं, जहां पर पूरे मोहल्ले का सीवेज एक जगह पर गिरता है। इनमें पहला तो खदरा क्षेत्र का रूकपुर, दूसरा चौक का घंटाघर और तीसरा सदर का मछली मोहाल का है। लैब में हुई जांच में रूकपुर खदरा के सीवेज के पानी में वायरस पाया गया है।
आपको बता दें कि भविष्य में इस पर विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। पानी से कोरोना संक्रमण फैलेगा या नहीं, यह अभी रिसर्च का विषय है। प्रोफेसर उज्ज्वला घोषाल ने कहा कि भविष्य में पूरे प्रदेश के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा सकता है। अभी शव से पानी में संक्रमण फैलने के बारे में कोई अध्ययन नहीं किया गया है।