
बहराइच में 32 गांवों में पानी घुसा , चिंता में लोग
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में घाघरा नदी के जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है तथा नदी में उफान आने से महसी और मोतीपुर तहसील के 32 गांव में पानी घुस गया है। गांव चारो तरफ पानी से घिर गए हैं। लोग पानी के बीच ही जीवन यापन करने को मजबूर हैं। मोतीपुर
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में घाघरा नदी के जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है तथा नदी में उफान आने से महसी और मोतीपुर तहसील के 32 गांव में पानी घुस गया है। गांव चारो तरफ पानी से घिर गए हैं। लोग पानी के बीच ही जीवन यापन करने को मजबूर हैं। मोतीपुर में कई विद्यालयों में पानी भर गया है। महसी में नदी खतरे के निशान को छूने को बेताब दिख रही है। ग्रामीणों की सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ के जवान पहुंच गए हैं। वहीं मोतीपुर में नायब तहसीलदार ने बाढ़ का जायजा लिया।
कई संपर्क मार्ग पर पानी भरा होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। तराई में इस बार मानसून पहले ही आ गया है। प्रतिदिन बारिश हो रही है। वहीं नेपाल के पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश होने से बैराजों से पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे जिले की नदियां पानी से उफान पर आ गई हैं। नदियों का पानी अब गांवों में पहुंचने लगा है। महसी तहसील क्षेत्र के पंडितपुरवा, जोगलापुरवा, छत्तरपुरवा, नगेसरपुरवा, दुजईपुरवा, अहिरनपुरवा और तारापुरवा गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
गांव के चारो तरफ पानी भरा हुआ है। लोग घरों में ही कैद रहने को मजबूर हैं। सबसे खराब स्थिति मोतीपुर तहसील क्षेत्र के गांवों की है। तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी के उफनाने से चहलवा, प्रेमनगर, रामब्रिजपुरवा, विजयनगर, नईबस्ती, जंगल गुलहरिया, धर्मपुर रेतिया, खैरीपुरवा, टिलवा, संपतपुरवा समेत 25 गांव में पानी भर गया है। कई संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी भर गया है। ग्रामीण संपर्क मार्ग पर पानी के बीच से आवागमन करने को विवश हैं। प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ का पानी भर गया है। दोनों तहसील क्षेत्र की 15 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ आने की सूचना पाकर तहसीलदार , नायब तहसीलदार तथा राजस्व निरीक्षकों ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। साथ ही ग्राम प्रधानों से सभी को राहत सहायता उपलब्ध कराने की बात कही।बराजों से शनिवार को 2.48 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे नदी का जलस्तर नौ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। मापक ने बताया कि वर्तमान में नदी का जलस्तर 110.880 सेंटीमीटर है। जबकि खतरे का निशान 113.50 सेंटीमीटर है।
वार्ता