
मुकुल गोयल ने संभाला पुलिस महानिदेशक का प्रभार
लखनऊ : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1987 बैच के अधिकारी मुकुल गोयल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का प्रभार ग्रहण कर लिया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अपर महानिदेशक के तौर पर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे गोयल आज सुबह नई दिल्ली से यहां पहुंचे। पुलिस महानिदेशक का प्रभार ग्रहण करने से
लखनऊ : भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1987 बैच के अधिकारी मुकुल गोयल ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का प्रभार ग्रहण कर लिया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अपर महानिदेशक के तौर पर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे गोयल आज सुबह नई दिल्ली से यहां पहुंचे। पुलिस महानिदेशक का प्रभार ग्रहण करने से पहले वह हनुमान सेतु पहुंचे और दर्शन पूजन किया। बाद में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लोकभवन के लिये रवाना हो गये। उन्हे गार्ड आफ आनर दिया गया।
सिग्नेचर बिल्डिंग स्थित पुलिस मुख्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने नये डीजीपी को कार्यभार सौंपा। कुमार ने पिछली 30 जून को सेवानिवृत्त डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी से चार्ज लिया था।
गोयल ने पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि उनकी प्राथमिकता अपराध नियंत्रण के साथ पुलिसिंग की गुणवत्ता को और बेहतर करने की होगी।
उन्होने कहा “ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करना हर पुलिसकर्मी और अधिकारी का दायित्व होना चाहिये। जन जन की सुरक्षा पुलिस का नैतिक कर्तव्य है। ” उन्होेने साफ किया कि असमाजिक तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा जबकि पुलिस और आम आदमी के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ किया जायेगा। पुलिस को भी आम आदमी के सहयोग की जरूरत होगी।
गोयल को प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को निर्विघ्न सम्पन्न कराने का अवसर मिलेगा। गोयल ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद एमबीए किया है। वह प्रदेश के पुलिस विभाग में विभिन्न पदों में काम कर चुके हैं। मुजफ्फरनगर के मूल निवासी गोयल सितम्बर 2013 से मई 2015 के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के शासनकाल में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के पद पर कार्यरत थे। 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोयल को एडीजी (ला एंड आर्डर) का पद सौंपा था। इन दंगों में 60 से अधिक लोगों की जाने गयी थी जबकि 50 हजार से अधिक बेघर हो गये थ।
गोयल को पुलिस वीरता पदक (2013), पुलिस प्रशंसा सेवा पदक (2003) और राष्ट्रपति पुलिस विशिष्ट सेवा पदक (2012) से नवाजा जा चुका है। इससे पहले यूपीएससी ने डीजीपी के चयन के लिये तीन नाम भेजे थे जिनमें 1986 बैच नासिर कमाल और 1987 बैच के मुकुल गोयल और आरपी सिंह का नाम शामिल था। इसके अलावा सुजान वीर सिंह भी 1986 बैच भी दौड़ में थे लेकिन उनका रिटायरमेंट अगस्त में होना है,इसलिये उनका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया।
इस बीच पिछले मंगलवार को गोयल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले जिसके बाद उन्हे डीजीपी पद का प्रमुख दावेदार माना जाने लगा था।
वार्ता