
झांसी नगर निगम के खिलाफ हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा, एकसाथ आये भाजपाई व कांग्रेसी
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते की दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में गुरूवार को भाजपाइयों और कांग्रेसियों ने मोर्चा खोल दिया। नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते द्वारा व्यापारी नेता के साथ की गई मारपीट के विरोध में भाजपाइयों ने नगर आयुक्त का घेराव किया। इसी बीच कांग्रेसी भी व्यापारी नेता के
झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते की दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में गुरूवार को भाजपाइयों और कांग्रेसियों ने मोर्चा खोल दिया। नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते द्वारा व्यापारी नेता के साथ की गई मारपीट के विरोध में भाजपाइयों ने नगर आयुक्त का घेराव किया। इसी बीच कांग्रेसी भी व्यापारी नेता के समर्थन में सड़क पर उतर आये ।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप सरावगी और वरिष्ठ नेता मोहन सिंह यादव ने व्यापारियों को नेतृत्व किया। भाजपाइयों ने कहा कि दस्ते द्वारा योगी सरकार की छवि बिगाड़ी जा रही है। इस प्रतिनिधिमंडल ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर अतिक्रमण दस्ते की लोगों के खिलाफ ऐसी दमनात्मक कार्रवाई को सरकार की छवि धूमिल करने वाला बताया । नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
महानगर में अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम में अतिक्रमण दस्ता गठित है, जिसमें रिटायर्ड फौजियों को शामिल किया गया है। इस दस्ते पर कई बार छोटे व्यापारियों की मारपीट करने के आरोप लगते आए हैं। कई बार सदर विधायक सहित अन्य नेताओं से शिकायत भी हुई लेकिन दस्ते की गुंडई जारी रही। करीब दो माह पूर्व इस बार दस्ते ने व्यापारी नेता संतोष साहू को पीट दिया तो भाजपाईयों में उबाल आ गया। नेताओं ने कहा कि योगी सरकार में गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन जिस प्रकार रिटायर्ड फौजी सरेआम व्यापारी नेता को पीट रहे हैं, इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। दस्ते द्वारा सैनिक वर्दी पहने जाने पर भी एतराज जताया।
इस बीच व्यापारी नेता संतोष साहू ने पूरे मामले में महापौर की भूमिका पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण दस्ते द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार करीब दो माह पूर्व किया गया था और उन्होंने महापौर से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। उस समय कोरोना की दूसरी लहर की विकरालता और पंचायत चुनाव के बीच कोई बड़ी कार्रवाई न करने का अनुरोध महापौर ने उनसे किया था। महापौर ने व्यापारी नेता को स्वंय कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी महापौर ने कोई कार्रवाई नहीं की । इसी बीच व्यापारी नेता के साथ मारपीट का वीडियो सार्वजनिक हो गया जिससे व्यापारियों में उबाल आ गया और भाजपा तथा कांग्रेसी दोनों दल व्यापारियों के समर्थन में उतर आये।
नगर आयुक्त ने आश्वस्त किया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर इस प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच चल रही है, साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी जांच कराई जाएगी। भविष्य में दस्ते के साथ नगर निगम का अधिकारी भी भेजे जाने की बात नगर आयुक्त अवनीश कुमार ने कही।प्रतिनिधिमंडल में व्यापारी नेता प्रकाश गुप्ता, जगदीश साहू, रानू देवलिया, राजू बुकसेलर, चैधरी फिरोज, अरुण साहू आदि प्रमुखरूप से मौजूद रहे।
दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में कांग्रेसियों के साथ बड़ी संख्या में व्यापारियों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से मुलाकात कर नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते की व्यापारी नेता के खिलाफ की गयी दमनात्मक कार्रवाई का विरोध जताते हुए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की। श्री जैन ने कहा कि अतिक्रमण दस्ते ने व्यापारी नेता के खिलाफ न केवल अभद्रता की बल्कि बुरी तरह से मारपीट भी की इस तरह की घटनाओं को किसी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता यदि कोई गल्ती भी वह कर रहा था तो चालान या दूसरी जरूरी कार्रवाई दस्ते द्वारा की जा सकती थी लेकिन इस तरह से मारपीट बहुत गंभीर मामला है।
अतिक्रमण दस्ते द्वारा महानगर में जोर जबरदस्ती की पहले भी कई सूचनाएं मिलती रहीं हैं लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस दस्ते की कार्यप्रणाली के सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किये इसी का नतीजा व्यापारी नेता के साथ हुई मारपीट है। मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई अनिवार्य है। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंद वशिष्ठ ने कहा कि हम पूरी तरह से व्यापारी नेता के साथ है। कार्रवाई के नाम पर किसी के साथ इस तरह से मारपीट किसी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती।
वार्ता