भारत सरकार को राजस्व में घाटा और नेपालगंज सीमा शुल्क को फायदा

भारत सरकार को राजस्व में घाटा और नेपालगंज सीमा शुल्क को फायदा

रूपईडीहा बहराइच। भारत-नेपाल सीमा सील होने से भारत सरकार को राजस्व में घाटा और नेपालगंज सीमा शुल्क को फायदा हो रहा है । नेपालियों द्वारा भारतीय बाजारों से चीनी,कपड़े,अनाज और सब्जियों समेत और भी अन्य जरूरत के सामान खरीद कर ले जाते समय नेपाली प्रशासन जब्त कर लेता है । दोनों देशों के रोटी बेटी

रूपईडीहा बहराइच। भारत-नेपाल सीमा सील होने से भारत सरकार को राजस्व में घाटा और नेपालगंज सीमा शुल्क को फायदा हो रहा है । नेपालियों द्वारा भारतीय बाजारों से चीनी,कपड़े,अनाज और सब्जियों समेत और भी अन्य जरूरत के सामान खरीद कर ले जाते समय नेपाली प्रशासन जब्त कर लेता है । दोनों देशों के रोटी बेटी के रिश्ते होने के नाते एक देश से दूसरे देश लोग जरूरत के सामान खरीददारी करने के लिए आते जाते रहते हैं एवं भारतीय बाजारों में नेपाल से सस्ता जरूरत का सामान मिलता है जिसके कारण नेपाली लोग भारतीय बाजारों का रुख करते हैं लेकिन बॉर्डर सील होने के बाद से नेपाली प्रशासन द्वारा अपने ही नागरिकों को भारतीय बाजारों से खरीदारी करके लाने पर जरूरत के सामानों को जब्त कर लिया जाता है । जानकारों का कहना है कि समझने वाली बात यह है कि भारतीय बाजारों में बिकने वाले जरूरत के सामानों पर भारतीय व्यवसायियों को जीएसटी के रूप में टैक्स देना पड़ता है जिससे भारत सरकार को फायदा होता है वही भारत से एक्सपोर्ट होने वाली जरूरत के सामानों पर किसी प्रकार का कोई टैक्स भारत सरकार नहीं लेती है और साथ ही सब्सिडी भी देती है इसीलिए भारत सरकार को नुकसान और नेपालगंज सीमा शुल्क को राजस्व में फायदा हो रहा है । बॉर्डर सील होने के बाद से नेपालगंज सीमा शुल्क कार्यालय में राजस्व में वृद्धि हुई है । राजस्व वसूली पर कोरोना संक्रमण का कोई आंशिक असर नहीं पड़ा है ।

रिपोर्ट रईस

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