900 करोड़ वसूलने में बिजली विभाग को छूट रहा पसीना

900 करोड़ वसूलने में बिजली विभाग को छूट रहा पसीना

गोण्डा:- बिलिंग एजेंसी की लापरवाही के कारण बिजली विभाग के अधिकारियों को जिले के उपभोक्ताओं से करीब 900 करोड़ वसूलने में पसीने छूट रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में मीटर रीडिंग न होने से बिल नहीं जमा हो पता है। फर्जी बिलिंग करने से उपभोक्ताओं को बिल सुधार के लिए भटकना पड़ता है। पहली जुलाई को जिले

गोण्डा:- बिलिंग एजेंसी की लापरवाही के कारण बिजली विभाग के अधिकारियों को जिले के उपभोक्ताओं से करीब 900 करोड़ वसूलने में पसीने छूट रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में मीटर रीडिंग न होने से बिल नहीं जमा हो पता है। फर्जी बिलिंग करने से उपभोक्ताओं को बिल सुधार के लिए भटकना पड़ता है। पहली जुलाई को जिले में आए उर्जा मंत्री ने मंच से कहा था कि गोण्डा ऐसा जिला है, जहां 95 फीसदी लोग कभी भी बिजली का बिल नहीं जमा करते हैं।मंत्री के टिप्पणी के बाद जिले के अधिकारी बिजली बिल वसूलने में लग गए तो गांवों में मीटर रीडिंग न होने की बात सामने आई। मीटर रीडर बिना गांवों में गए ही फर्जी बिल फीड कर देते हैं जिससे उपभोक्ताओं को बिजली का बिल नहीं मिल पाता। उपभोक्ता के उपकेंद्र जाने पर पता चलता है कि बिजली बिल तथा मीटर रीडिंग वाले बिल में काफी अंतर है जिसे सुधारने के लिए उपभोक्ताओं को भटकना पड़ रहा है।पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता चंद्रवीर सिंह गौतम ने जब ग्रामीण इलाकों का निरीक्षण किया तो मीटर रीडर की लापरवाही की बात सामने आई। मुख्य अभियंता ने नवाबगंज के लौवा वीरपुर का निरीक्षण किया तो 40 उपभोक्ताओं में से सिर्फ दो लोगों की बिलिंग हुई थी।

हर माह औसतन पांच करोड़ रुपये जमा हो पाते हैं

उपभोक्ताओं ने बताया कि मीटर रीडर गांव में नहीं आते, बल्कि घर बैठे ही बिल बना देते हैं। कुछ उपभोक्ताओं ने बिल कम करने के नाम पर वसूली के आरोप लगाए। जिले में बिजली उपभोक्ताओं के 900 करोड़ रुपये से अधिक की बकायेदारी है। हर माह औसतन पांच करोड़ रुपये जमा हो पाते हैं। बिजली विभाग के अधिकारी वसूली बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। बिल भुगतान के लिए प्रेरित करने के साथ लाभ भी गिना रहे हैं।विद्युत वितरण खंड दो के अधिशासी अभियंता रणवीर सिंह बताते हैं कि हर रोज क्षेत्र में निकलकर उपभोक्ताओं की समस्या जानते और बकाया बिल भुगतान करने के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित करते हैं। रात में भी उपकेंद्र अधिकारियों के साथ पेट्रोलिंग करते हैं लेकिन मीटर रीडिंग न होने के कारण बिल नहीं जमा हो पाती है।

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रिपोर्ट राहुल तिवारी

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