
आपकी कुंड़ली में चल रही राहु की दशा तो इन उपायों से पाएं मुक्ति
राहु ध्यान को खींचने को वाला एक ग्रह है।
राहु के पास सिर है, आंखे हैं, दिमाग है परन्तु राहु के पास दिल नहीं है। राहु के पास खुद की दृष्टि नहीं है।
राहु पर जिसकी दृष्टि पड़ती है या युति होती है तो उसे उस ग्रह की दृष्टि मिल जाती है। गले के नीचे को भाग न होने की वजह से कुछ नहीं है, भूख नहीं है।
राहु के पास सुविधा है। राहु उस ग्रह का रूप धारण कर लेता है जिसकी दृष्टि उसको मिलती है।
राहु का अपना कोई अस्तित्व नहीं है इसलिए जिस भाव में स्थित होता है उसी प्रकार के फल देता है।
जब भी राहु महादशा में आता है या या अंतर्दशा में तो हमेशा ही नकारात्मक ऊर्जा देता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु ग्रह को नवग्रह में एक स्थान दिया गया है। दिन में राहुकाल (90 मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है।
राहु की दशा से मुक्ति के उपायः
अपने पास सफेद चंदन अवश्य रखें। सफेद चंदन की माला भी धारण कर सकते हैं।
प्रतिदिन सुबह चंदन का टीका भी लगाना चाहिए।
नहाने के पानी में चंदन का इत्र डालकर नहाएं।
अपने पास ठोस चांदी की गोली रखें।
हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनिया पानी में में प्रवाहित करें।
किसी जरूरतमंद को चावल का भोजन कराएं
किसी भी ग्रहों के उपाय करने से पहले अपनी कुंडली किसी अच्छे से ज्योतिषाचार्य से परामर्श करने के बाद ही उपाय किया जाये तो उसका परिणाम ज्यादा प्रभावित होते हैं।
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