UN महासभा में भी दिखी युद्ध की लहर

UN महासभा में भी दिखी युद्ध की लहर

अमेरिका में स्थित न्यूयॉर्क शहर में UN महासभा का आयोजन किया गया है। UN महासभा की असेम्बली में पहले ही दिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, जलवायु परिवर्तन और महिला अधिकारों का मुद्दे को लेकर काफी बहस देखने को मिली। इस पर पहले यूरोपीय देशों ने बोलने का फ़ायदा उठाते हुए रूस को युद्ध का जिम्मेदार बताया है। इस प्रकार यूरोप देशों ने और पश्चमी देशो ने शिकंजा कसा, जिसमे अभी रूस ने प्रतिक्रिया में कुछ नहीं कहा है। 

UN की महासभा में अभी केवल जर्मन, फ्रांस, सेनेगल और फिलीपींस के नेताओं ने आम सभा को सम्भोधित किया है। अभी अमेरिका, रूस, चीन, भारत और ईरान सभा को सम्भोधित करने को बाकी हैं। जर्मनी देश का तो कहना यह है की रूस यूक्रेन को तबाह करने के साथ अपने देश को भी तबाह करने में लगा हुआ है। और जर्मनी ने अपनी सैन्य शक्ति के साथ यूक्रेन का साथ देने की बात कही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मार्को ने भी रूस को युद्ध का जिम्मेदार बताया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री के कथन " ये युद्ध का युग नहीं है "की प्रंशसा की है। विकासशील देश, यूक्रेन को पश्चमी देशों द्वारा दिए गए हथियारों को लेकर चिंता में है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यदि चीन ताइवान पर हमला करेगा, तो ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका हमेशा तैयार रहेगा। 

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