
गणेश चतुर्थी पर विशेष है मंगल और केतु ग्रह से संबंध, जानें कैसे करें अराधना
कल यानी 10 जनवरी दिन मंगलवार को श्री गणेश चतुर्थी दिवस आ रहा है। जो व्यक्ति मंगल या केतु ग्रह से और या फिर दोनो मंगल-केतु की युक्ति से प्रेशान हैं तो उन्हें इस गणेश चतुर्थी पर यह उपाय जरूर करने चाहिए क्योंकि ऐसा शुभ संयोग कभी कभी ही घटित होता है।
मंगल केतु की युक्ति यानी की गणेश और हनुमान जी की अराधना का दिन। जैसे की प्रथम पूजनीय गणेश जी सर्व विघ्न हरण हैं वैसे ही हनुमान जी को सर्व संकट हरण और संकट मोचन के नाम से जाना जाता है। इस दिन आप विशेष उपाय करके दोनों ग्रहों के देवताओं को अत्यधिक प्रसन्न कर सकते हैं।
उपाय: मंगलवार शाम को 2 लड्डू , गुड़-तिल वाली रेवड़ी और 2 पूजा वाले पान लेकर गणपति जी के मंदिर में उनकी अराधना (आरती) करने के बाद यह भोग लगवाएं और उसके पश्चात इसी तरह हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करने के पश्चात 2 लड्डू, थोड़ा सा गुड़ और 2 पूजा वाले पान का अंजनी पुत्र हनुमान देव जी को भोग लगवाएं। अगर सिंधुरी हनुमान जी को यह भोग लगवा सके तो सोने पे सुहागा वाली बात समझें। मित्रों देखने में यह उपाय साधारण लग रहा होगा परन्तु इसके परिणाम बहुत ही अधिक लाभदायक व फलदायक हैं।
जैसे यह योग पहले,चौथे, सातवे,आठवें और बारहवें भाव वाले जातकों के लिए रामबाण सिद्ध होगा वैसे ही यह दूसरे, तीसरे,पंचम, छठे, नवम, दशम और एकादश वाले व्यक्तियों के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करेगा। मात्र ऐसा करने से आप दोनों ग्रहों की क्रूरता को शांत करके उन्हें और उनके देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं।
- एस्ट्रो ऊषा वर्मा