माघ मेले में धर्मपरिवर्तन की कोशिश में लगे मदरसा शिक्षक सहित 3 गिरफ्तार, संदिग्ध पुस्तकें बरामद

माघ मेले में धर्मपरिवर्तन की कोशिश में लगे मदरसा शिक्षक सहित 3 गिरफ्तार, संदिग्ध पुस्तकें बरामद

प्रयागराज। प्रयागराज में लगने वाले सालाना माघ मेले में धर्म परिवर्तन का धंधा चलाने वाले मदरसा शिक्षक समेत तीन लोगों को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एडीसीपी (अपराध) सतीश चंद्र ने कहा, आरोपियों ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और अस्सी घाट, प्रयागराज के हनुमान मंदिर सहित अन्य हिंदू धार्मिक स्थलों पर भी आपत्तिजनक किताबें बांटी हैं। पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो ने कुछ समय पहले इस्लाम कबूल किया था और माघ मेले में धर्म परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के मकसद से 'संदिग्ध' किताबें और पर्चे बेचते और बांटते पाए गए थे। 

एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में महमूद हसन गाजी, मोहम्मद मोनीश उर्फ आशीष कुमार गुप्ता और समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज शामिल हैं। मुख्य आरोपी महमूद हसन ने खुलासा किया कि वह बज्म-ए-पैगाम-ए-बेहदानियत का अध्यक्ष था और पुरामुफ्ती के मारियाडीह गांव में मदरसा इस्लामिया हिमदादिया में शिक्षक था।

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5 हजार रुपये में करता था युवाओं की भर्ती 

मुख्य आरोपी महमूद हसन गाजी 5,000 रुपए के लिए युवाओं को काम पर रखता था। गिरफ्तारी के बाद, आरोपियों ने पुलिस को सूचित किया कि वे उन लोगों की तस्वीरें, मोबाइल नंबर और अन्य विवरण लेते थे, जिन्हें उन्होंने वितरण के लिए किताबें दी थीं। सूत्रों से हवाले प्राप्त जानकारी के मुताबिक हसन को धर्मपरिवर्तन का रैकेट चलाने के लिए विदेशों से फंडिंग मिलती थी। 

भाजपा सांसद के ट्वीट के बाद हरकत में आई पुलिस, विदेशी फंडिंग से चलता था कारोबार

भाजपा के एक सांसद द्वारा मेला क्षेत्र में आपत्तिजनक साहित्य बांटे जाने के बारे में ट्वीट करने के बाद गिरफ्तारियां हुईं, जिसके बाद पुलिस ने दो युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान गाजी ने कबूल किया कि उसे धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंडिंग मिलती थी। विदेशी फंडिंग के लिए आरोपी ई वॉलेट का इस्तेमाल करते थे। 

संदिग्ध इस्लामी किताबों और हिंदू धर्म के बारे में आपत्तिजनक पर्चे बरामद

आरोपी धर्मपरिवर्तन के लिए गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि के युवाओं को निशाना बनाते थे। पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक महमूद हसन किताबें और पर्चे छापता था, जिनमें इस्लाम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता था, जबकि हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती थीं। महमूद द्वारा संकलित और मुद्रित कुछ पुस्तकों ने वैदिक भजनों और 'श्लोक' की गलत व्याख्या और अर्थ प्रस्तुत किया।

पुलिस ने दावा किया कि उनके कब्जे से 204 संदिग्ध इस्लामी किताबें, 3 मोबाइल, 4 आधार कार्ड, 2600 रुपए नकद और एक डायरी बरामद की गई है।

 

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