अन्नदाता किसानो के लिए सिरदर्द बने छुट्टा गोवंश, सर्द रात भी बनी सिरदर्द 

अन्नदाता किसानो के लिए सिरदर्द बने छुट्टा गोवंश, सर्द रात भी बनी सिरदर्द 

कहीं कागजों में हो रही संचालित गौशाला, तो कहीं गौशालाओं में पर्याप्त चारा फूसा और जगह का आभाव होने के साथ ही है भारी अव्यवस्था बरकार

गोंडा।  "तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी हैं, मगर ये आंकड़े झूठे हैं और दावा किताबी है" जन कवि अदम गोंडवी जी की यह पंक्तियाँ अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों पर सटीक बैठ रही है। जिले के किसान भीषण ठंड में दिन रात पहरा देकर जैसे तैसे अपनी किसानी की रखवाली कर रहे है। आपको बतादे की फसलों को छुट्टा गोवंश से बचाने के लिए किसानो की रात खेतो में ही कट रही है वहीं योगी सरकार के लाख दावे के बाद भी किसानो को छुट्टा गोवंश से निजात नही मिल पा रही है। 

  • अन्नदाताओं के लिए मुसीबत बने छुट्टा पशु, फसलों को बर्बाद कर रहा मवेशियों का झुंड
  • खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर देता है मवेशियों का झुंड
  • कहीं गौशाला नहीं, तो कहीं गौशालाओं में पर्याप्त जगह का अभाव

सरकार अन्ना मवेशियों को पकड़ने के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन इसके बावजूद सड़कों व खेतों में सैकड़ों की संख्या में छुट्टा मवेशी मंडराते हुए देखे जा सकते हैं। हाईवे से लेकर खेतों तक में इन मवेशियों की धमाचौकड़ी है। हाईवे पर मवेशियों की जान के साथ ही राहगीर भी मौत के आगोश में समा रहे हैं।

हम आपको जिले के किसानों की हालत से रूबरू कराते हैं। जनपद के विभिन्न विकास खंडों में गौशाला होने के बाद भी आवारा पशु खेतों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। जिले में तमाम गांव ऐसे भी हैं, जहां गौशाला का निर्माण ही नहीं हुआ है, जिसके कारण वहां के किसान अपनी फसलों को देखकर बहुत ही ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं।

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ग्राम सभा बटौरा लोहांगी के माधवराज तिवारी, रामानंद दुबे, सुरेंद मणि दुबे, अवधेश तिवारी, शिवशरण दुबे,शेबहादुर तिवारी राममनोहर तिवारी, शेरबहादुर तिवारी व अन्य लोगो ने बताया कि आवारा पशु किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली करके परेशान हैं, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकल पा रहा है। यही हाल ब्लाक के पतीसा/ थरि ग्राम पंचायत का भी है। यहां ग्रामसभा में अभी तक गौशाला का निर्माण अभी अधूरा हुआ है।

यहां के आवारा पशुओं को पकड़कर डोहरी में बने गौशाला में छोड़ दिया गया था, लेकिन वहां पर भी पशु सुरक्षित नहीं हैं। किसानों ने डीएम से समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। जिले के हलधरमऊ ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में झुंड के रूप में घूम रहे आवारा मवेशियों ने किसानों के दिन का चैन और रातों की नींद हराम कर दी है।

आवारा पशुओं से खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों आदि की फसलों को बचाने के लिए किसान हर जुगत करके हार चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। स्थायी हल नहीं निकलने से अन्नदाता फिक्रमंद हैं। सरकार और जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो मोटी लागत और कड़ी मेहनत के बाद भी उपज घर तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।

पतीस/थरि के किसान सतदेव तिवारी, यतेन्द्र तिवारी, सियाराम तिवारी, श्याम धर तिवारी, श्रीधर तिवारी ,मुन्ना दुबे व गोल्डी दुबे ने बताया कि खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों/गन्ना व मटर की फसल को छुट्टा पशु चट कर रहे हैं और इनकी रोकथाम के लिए कोई स्थाई हल नहीं निकल पा रहा है। फसल की देखभाल के लिए घर के बच्चों से लेकर बड़े तक बारी-बारी से खेतों पर मुस्तैद रहते हैं। मवेशी इतने होशियार हो गए हैं कि जब तक कोई खेतों पर रहता है, तब तक नहीं आते हैं। नहाने और खाने के लिए घर चले जाने पर मवेशियों का झुंड खेतों को निशाना बनाकर फसलों को तहस-नहस कर देता है। 

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है पशुधन विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश संरक्षण के लिए 20 जनवरी से 20 फरवरी, 2023 तक युद्धस्तर पर अभियान चलाया जाय और गोवंश को आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाय। इसके लिए जनपदों के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाय। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रदेश को पूर्वी जोन तथा पश्चिमी जोन में विभाजित किया जाय। प्रत्येक जोन में 9 मण्डल होंगे। उन्होने निर्देश दिये है कि निदेशालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाय तथा प्रतिदिन संरक्षित गोवंश की जनपदवार समीक्षा की जाय। टोल फ्री नंबर 18001805141 एवं 0522-2741992 को निरन्तर क्रियाशील रखा जाये। जिससे लोग निराश्रित गोवंश के सम्बंध में सूचना दे सकें। 

पशुधन मंत्री ने कहा कि अधिकारी अपने निर्धारित लक्ष्यों को ससमय पूरा करें और अनुशासन में रहकर कार्य करें अन्यथा उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मंत्री धर्मपाल सिंह ने कल विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि वह नियमित रूप से फील्ड में निरीक्षण करें। गो संरक्षण कार्यों के लिए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाय और जिन स्थानों पर गौ आश्रय स्थल नही है वहॉं अस्थायी गौ आश्रय स्थल बनाये जाने हेतु जिलाधिकारियों से सहयोग लिया जाय। कोई भी गोवंश निराश्रित या बेसहारा न रहने पाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोवंश के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गो आश्रय स्थल पर चारा, भूसा, प्रकाश, ठण्ड से बचाव, चिकित्सा सुरक्षा एवं औषधियॉ आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

पशुधन मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने पशुओं को छुट्टा न छोड़े और उनके प्रति संवेदनशील रहें। पशुओं को छोड़ देने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी।

 पशुधन मंत्री ने बैठक में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने हेतु गौशालाओं के प्रबन्धन, प्रदेश में जनपदवार चारागाह की जमीन कैटल फार्म्स और ब्रीडिंग फार्म्स की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दूध, अण्डा एवं मांस इत्यादि उत्पाद आय के महत्वपूर्ण स्रोत है और प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में इनकी मत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए कैटल फार्म्स का आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाय और पीपीपी मोड पर कैटल/ब्रीडिंग फार्म्स विकसित किये जायें।

बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, पशुधन विभाग के निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पी0के0 सिंह तथा निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमनि तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अब देखना ये है की मंत्री जी के आदेश का सुचारू रूप से गोंडा जनपद के अधिकारी/कर्मचारी पालन करते हैं या फ़िर मंत्री जी का आदेश हवा हवाई  ही साबित होगा। या फिर ऐसे भ्रष्ट अधिकारी/कर्मचारी पर करवाही भी होगी ? ये आने वाला 20 फरवरी ही तय करेगा। 

 


रिपोर्ट राहुल तिवारी 

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