
चेन्नई और गुजरात में है देश की सबसे प्रदूषित नदियाँ, रिपोर्ट में हुआ चौकाने वाला खुलासा
जिस साबरमती रिवर फ्रंट की खूबसूरती को राज्य सरकार द्वारा सामने रखा जाता है। उसका एक स्याह पहलू भी है। एक सरकारी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि गुजरात की साबरमती नदी देश की दूसरी सबसे प्रदूषित नदी है। जबकि पहले स्थान पर चेन्नई की कूम नदी है।
तेजी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव नदियों पर पड़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक चेन्नई की कूम नदी देश की सबसे प्रदूषित नदी है, जबकि गुजरात की साबरमती नदी दूसरी और उत्तर प्रदेश की बहेला नदी देश की तीसरी सबसे ज्यादा प्रदूषित नदी है।
कूम नदी में है सबसे ज्यादा बायोमेडिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक अवाडी से सत्य नगर के बीच नदी में बायोमेडिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 345 मिलीग्राम प्रति लीटर है, जो देश की 603 नदियों में सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही गुजरात की साबरमती नदी में यह डिमांड 292 मिलीग्राम प्रति लीटर और उत्तर प्रदेश में बहेला 287 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
तमिलनाडु में है सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियाँ
सीपीसीबीए की रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2021 की अवधि के दौरान तमिलनाडु में 12 नदियों के पानी की गुणवत्ता की 73 स्थानों पर निगरानी की गई। जिसमें से 10 नदियां अड्यार, अमरावती, भवानी, कावेरी, कूम, पलार, सरबंगा, तामरैबरानी, वशिष्ठ और तिरुमनिमुथार में है, जहां बीओडी निर्धारित मानदंडों का अनुपालन नहीं किया गया।
क्या होता है बायोमेडिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी)
ऑक्सीजन की वह मात्रा जो जल में कार्बनिक पदार्थों के जैव रासायनिक अपघटन के लिये आवश्यक होती है, वह BOD कहलाती है। जल प्रदूषण की मात्रा को BOD के माध्यम से मापा जाता है। परंतु BOD के माध्यम से केवल जैव अपघटक का पता चलता है साथ ही यह बहुत लंबी प्रक्रिया है। इसलिये BOD को प्रदूषण मापन में प्रयोग नहीं किया जाता है। गौरतलब है कि उच्च स्तर के BOD का मतलब पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों की बड़ी मात्रा को विघटित करने हेतु अत्यधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
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