
बजट 2023 : फिर मिडिल क्लास की जेब काट गयी मोदी सरकार
अभी तक आम तौर पर आप साढ़े सात लाख से 9 लाख तक की इनकम पर टैक्स में छूट पा सकते थे...लेकिन अब न्यू टैक्स रिजीम में इन सब चीजों में कोई रिबेट नहीं है... कुल मिलाकर अगर आप मध्यम वर्ग है तो 'अच्छे दिन' फिलहाल नहीं आने वाले है।
क्योंकि Devil lies in details...आज सुबह बजट में जैसे ही इनकम टैक्स पर बात हुई तो लोग बल्लियों उछलने लगे कि सरकार ने बल्ले-बल्ले कर दी...इनकम टैक्स लिमिट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी...लोगों ने फेसबुक से लेकर ट्विटर तक मार मचा दी...इनकम टैक्स देने वालों का दिल गार्डन-गार्डन करने लगा..लेकिन वो लोग यहां पर 2 गलतियां कर गए...पहली तो वही..जो शुरू में कहा है Devil lies in details..यानी लोगों ने डिटेल का इंतजार नहीं किया और बिना खबर समझे नाचने लगे..दूसरी गलती ये हुई कि मोदी सरकार के अब तक के ट्रैक रिकॉर्ड और मिडिल क्लास (खासकर सैलरीड क्लास) के मामले में बेहद निराश करने वाला रहा है..मोदी सरकार में इस वर्ग को शायद ही कोई राहत मिली हो..ऐसे में सरकार के एलान को लेकर कायदे से तो लोगों के मन में संदेह होना चाहिए था..लेकिन ऐसा नहीं किया और खुश हो गए कि सरकार ने टैक्स में राहत दी है..
लेकिन अब तक ये तो क्लियर हो गया कि टैक्स में ऐसी कोई राहत नहीं मिली है..जो सोचा जा रहा था...बजट में भले ही ये कहा गया हो कि 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा लेकिन ये सब न्यू टैक्स रिजीम में होगा...लेकिन इस न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स में रिबेट के सारे इंस्ट्रूमेंट बेकार कर दिए गए हैं..ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं था..लेकिन तब आप 80-C के तहत डेढ़ लाख के निवेश..किराए से एक लाख...मेडिकल इंश्योरेंस में 40 हज़ार और न्यू पेंशन स्कीम में 50 हज़ार निवेश कर टैक्स बचा सकते थे...अगर होम लोन लिया है तो उसके ब्याज पर 80-C से और मूलधन पर 2 लाख तक पर टैक्स की छूट ले सकते थे...यानी ओल्ड टैक्स रिजीम में आम तौर पर आप साढ़े सात लाख से 9 लाख तक की इनकम पर टैक्स में छूट पा सकते थे...लेकिन अब न्यू टैक्स रिजीम में इन सब चीजों में कोई रिबेट नहीं है...
तो सवाल है कि न्यू टैक्स रिजीम में क्या होगा...और सरकार क्या चाहती है...पहले इस बात पर चर्चा कर लेते हैं कि न्यू टैक्स रिजीम में क्या होगा...सबसे पहले तो ये होगा कि लोग अब सेविंग करने को लेकर डिस्करेज होंगे...अब तक लोग कम से कम इस बात को लेकर बचत करते थे कि 80-C में छूट का फायदा मिलेगा..लेकिन अब वो रिबेट नहीं मिलेगा तो लोग बचत करने को लेकर हतोत्साहित होगा..यंग जेनरेशन तो वैसे भी बचत पर भरोसा नहीं करती...लेकिन 80-C के लोभ में वो सेविंग करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा...बचत ना करने का नतीजे कितने घातक हो सकते हैं..ये बताने की जरूरत तो है नहीं...इतना ही नहीं अब LIC और दूसरे प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों की ULIP पॉलिसीज का भी भट्टा बैठेगा..शेयर मार्केट में तो शायद आज ही कई इंश्योरेंस कंपनियों के शेयर गिरे...पोस्ट ऑफिस, PPF...रिएल एस्टेट सेक्टर..सबमें इसके विपरीत परिणाम देखने को मिलेंगे..क्योंकि इन सब जगहों पर निवेश करने की एक बड़ी वजह टैक्स रिबेट भी होती है...
अब सवाल ये है कि सरकार ने ऐसा क्यों किया..सरकार क्या चाहती है...जवाब सीधा है..सरकार चाहती है कि आप खर्च करिए..सरकार का मानना है कि आप खर्च करेंगे तो देश की इकॉनोमी ग्रो करेगी...और अगर पैसा निवेश करना चाहते हैं तो फिर शेयर मार्केट में करें..म्यूचुअल फंड में जाएं..बॉन्ड खरीदें...ओल्ड पेंशन स्कीम को न्यू पेंशन स्कीम बनाकर पहले ही शेयर मार्केट के हवाले किया जा चुका है...
तो इस सबका निष्कर्ष क्या निकला ? निष्कर्ष ये है कि अभी भी ज्यादातर भारतीय समाज बचत पर भरोसा करने वाला है...वो बचत तो करेगा लेकिन बचत तो उसे आर्थिक फायदा नहीं होगा क्योंकि सरकार ने पहले ही ब्याज दरें इतनी कम करवा दी हैं कि इंट्रेस्ट रेट की तुलना में इनफ्लेशन रेट ज्यादा रहता है..5 साल में आपकी FD पर साढ़े छह से सात परसेंट ब्याज मिलता है लेकिन मुद्रा स्फीति की दर..महंगाई की दर इससे ज्यादा होती है...पहले कम से कम टैक्स रिबेट मिलती थी तो थोड़ा दिल को तसल्ली हो जाती थी कि ब्याज नहीं मिल रहा तो क्या हुआ..टैक्स में थोड़ी राहत मिल रही है..अब वो नहीं होगा..
आखिर में एक लाइन...अब आप सोच रहे होंगे कि क्या न्यू टैक्स रिजीम बिल्कुल बेकार है..क्या इससे टैक्स में कुछ फायदा नहीं होगा ?? होगा..थोड़ा तो होगा क्योंकि टैक्स के परसेंट में कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन इसके दूरगामी नतीजे चिंताजनक हो सकते हैं..आपको बाज़ार के हवाले कर दिया गया है..भारत जैसे देश में आर्थिक साक्षरता बहुत कम है..हम जैसे लोग भी मार्केट को नहीं समझते...तो आगे क्या होगा...बस भगवान भरोसे..
- DEEPAK JOSHI ( वरिष्ठ पत्रकार)
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