गुनहगारों की मदद से ही खुल सकता है कानपुर का चर्चित SBI Gold चोरी केस

गुनहगारों की मदद से ही खुल सकता है कानपुर का चर्चित SBI Gold चोरी केस

कानपुर। कई बार अपराधी अपने अपराध को इतने परफेक्शन के साथ अंजाम देने है कि कितने भी लंबे हाथ होने के बाद भी कानून उन तक नहीं पहुॅच पाता है। लेकिन आपस में फूट पड़ने के कारण पूरी तैयारी धरी की धरी रह जाता है। ऐसा ही एक मामला कानपुर के भौंती की स्टेट बैंक आॅफ इंडिया में पिछले साल 2022 में दिसंबर एक सर्द रात में हुई लूट का है। 

आज से तकरीबन 80 दिन पहले कानपुर में एसबीआई भौती शाखा में गोल्ड की एक हैरतअंगेज चोरी हुई थी। चोरों ने कोहरे की रात का फायदा उठाते हुए बैंक के पीछे पड़े जंगल से आठ फिट लंबी सुरंग बनाकर बैंक के स्ट्रांग रूम से लगभग 95 लाख का गोल्ड चोरी कर ले गए थे। इस वारदात के बाद से सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सर्विलांस को खंगालने के बाद और तमाम लोगों से पूछतांछ करने के बाद भी कानपुर पुलिस खाली हाथ ही है। लेकिन इसी बीच एक गुमनाम चिट्ठी ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। बताया जा रहा है कि यह चिट्ठी बैंक में चोरी करने वाले सदस्यों में से ही किसी एक ने लिखी है। 

क्या लिखा है चिट्ठी में 

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करीब तीन माह बाद मिली इस चिट्ठी को अगर सच माना जाय तो यह गुमनाम पत्र उन टीम 11 में से किसी एक सदस्य ने लिखा है, जो चोरी की वारदात में शामिल थे। पत्र के मुताबिक चोरी का मास्टर माइंड और सरगना सुलेमान चाचा नाम का एक व्यक्ति है। चिट्टी के मुताबिक 'सुलेमान चाचा ने ही हम सभी एक-दूसरे से मिलवाया था। एसबीआई बैंक चोरी से पहले सुलेमान चाचा ने सभी को कड़ी ट्रेनिंग दी थी। चोरी की घटना में इस्तेमाल किए मोबाइल नंबर बदल दिए गए हैं। सुलेमान ने सभी को पहले ही वार्न कर दिया था कि बैंक से सिर्फ गोल्ड ही चोरी किया जाएगा। कोई भी बैंक में रखे रुपयों को हाथ नहीं लगाएगा। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी लोग अलग-अलग रास्तों से निकलेंगे। इसके साथ ही यदि पुलिस पकड़ती है, तो उसे गुमराह करने के तरीके भी सुझाए थे।

गुमनाम पत्र में बताया गया है कि बैंक में सुरंग बनाकर चोरी करने वाले अर्मापुर, कल्यानपुर स्थित यूनियन बैंक में चोरी करने वाले थे। इसके बाद संचेडी की एसबीआई भौती शाखा को निशाना बनाया था। शातिर चोरों ने मोबाइल ऑन कर के अपने घरों पर रख दिया था। ताकि उनकी लोकेशन को ट्रैस नहीं किया जा सके। बैंक में गोल्ड चोरी को लेकर एक-एक पॉइंट को ध्यान में रखा गया था। इसके लिए खास ट्रेनिंग भी दी गई थी। वारदात को अंजाम देने में रनिया, रावतपुर और कर्नलगंज के 11 लोगों को शामिल किया गया था। बैंक में चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए रामानंद नाम के शख्स ने कार मुहैया कराई थी। विक्रांत ने असलहे और अमित और मुन्ना ने ड्रिल मशीन लेकर आए थे।

आपसी फूट के कारण लिखी चिट्ठी

चिट्ठी लिखने वाले गुमनाम शख्स ने सुलेमान, विक्रांत और शनि पर बेईमानी का आरोप लगाते हुए जान से मारने की धमकी भी लिखी है। चिट्ठी में लिखा है कि सुलेमान, विक्रांत और शनि ने चोरी का गोल्ड अपने पास रख लिया है। हिस्सा मांगने पर कहता है कि पूरा माल बिकने के बाद मिलेगा। रामानंद, सुलेमान, विक्रांत समेत गैंग के लोग पूरा माल हड़पना चाहते हैं। यदि मेरा हिस्सा नहीं मिला तो इनको जान से मार दूंगा।

फिलहाल पुलिस विभाग इस गुमनाम चिट्ठी को गंभीरता से ले रहा है। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने डीसीपी वेस्ट विजय ढुल को गुमनाम पत्र की जांच सौंपी है। 

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