IIT KANPUR : स्टार्ट अप प्रदर्शनी में दिखी भविष्य की झलक

IIT KANPUR : स्टार्ट अप प्रदर्शनी में दिखी भविष्य की झलक

आईआईटी कानपुर में आयोजित Y20 समारोह के दौरान आज स्टार्ट अप प्रदर्शनी में विभिन्न स्टॉल पर प्रतिभागियों ने अपने उत्पादों और सेवाओं के विषय में जानकारी देते हुए जीवन का आसान करने वाले उपकरण दिखाये। प्रदर्शनी का आकर्षण मेथेनॉल से चलने वाली बाइक रही। आईआईटी के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल की टीम ने मेथेनॉल और पेट्रौल से चलने वाली बाइक का प्रदर्शन किया। स्टॉल पर मौजूद हार्दिक ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्बन उर्त्सजन को कम करने के लिए सरकार क्लीन फ्यूल को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में मेथेनॉल मिक्स ईंधन के माध्यम से कार्बल उत्सर्जन पर लगाम लगाई जा सकती है। हार्दिक ने बताया कि उनकी टीम ने 85 प्रतिशत मेथेनॉल और 15 प्रतिशत पेट्रोल से चलने इंजन को विकसित किया है। जो लगभग 80 पैसे प्रति किलोमीटर की लागत पर चलता है। 

ईवी से भी होता है कार्बन उत्सर्जन
सरकार भले ही क्लीन एनर्जी के लिए ईवी को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ईवी भी कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। क्योकि ईवी को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है और आज भी भारत में 75 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयला आधारित संयंत्रों से होता है। 

फ्लोटिंग पैनल देंगे रिवर टूरिज्म को बढ़ावा
प्रदर्शनी में मौजूद बीएचयू बनारस की टीम ने नदी में तैरने वाले पैनल प्रदर्शित किये। एक्वाफ्रंट इंफ्रास्टक्चर के नाम से मौजूद इस स्टार्टअप ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बनाये हुए पैनल प्रति वर्ग मीटर में 18 टन तक का वनज पानी पर उठा सकते है। इसके द्वारा नदी पर तैरते हुए रेस्टोरेंट और अन्य प्रोजेक्ट भविष्य में साकार होते दिखेंगे। 

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कचरे की प्लास्टिक से बनाया प्लाईबोर्ड
जमीन का बंजर बना रहे प्लास्टिक वेस्ट मैटेरियल से धरती का मुक्त करने का जिम्मा थामे नोवोबोर्ड कंपनी ने अपने प्रोडेक्ट भी प्रदर्शनी में सामने रखे। कंपनी के मुताबिक उन्होंने कचरे वाली प्लास्टिक से वाटर प्रूफ प्लाईबोर्ड बनाये है। जो बाजार में मिलने वाले परांपरागत प्लाईबोर्ड से बेहतर है। कंपनी के मुताबिक उनके द्वारा बनाये गये प्रत्येक 100 बोर्ड में 5 मिट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल होता है, जबकि 20 मिट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। 

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