शब-ए-बारात में घर पर रह कर पढ़े फतिहा

शब-ए-बारात में घर पर रह कर पढ़े फतिहा

प्रयागराज के शहर काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुसलमानों से अपील किया है कि शब-ए- बारात में लोग कब्रिस्तान जाने के बजाए घर पर ही फातिहा पढ़ें और नमाज अता करें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर गुरूवार को लोग शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों में रहकर पुरखों

प्रयागराज के शहर काजी मुफ्ती शफीक अहमद शरीफी ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुसलमानों से अपील किया है कि शब-ए- बारात में लोग कब्रिस्तान जाने के बजाए घर पर ही फातिहा पढ़ें और नमाज अता करें।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर गुरूवार को लोग शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों में रहकर पुरखों को याद करें और इबादत करें। उनके नाम से इसाले सवाब करें। अपने आसपास जरूरतमंदों की जरूरतें पूरी करें। इसका सवाब उनके पुरखों को मिलेगा। रात की इबादत भी घरों में की जाए। मुल्क को बला से मुक्त करने की दुआ करें।

गौरतलब है कि शबे बरात पर मुसलमान कब्रिस्तान जाकर पूर्वजों की कब्रों पर पहुंच कर फूल चढ़ाते है। इस दिन पुरखों की मगफिरत और इसाले सवाब के लिए तिलावत और दुआ की जाती है। मगरिब की नमाज के बाद लोग कब्रिस्तान जाकर पुरखों की कब्र पर चरांगा करके फातेहा पढ़ते हैं।

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उन्होने बताया कि इस रात के किसी हिस्से में कब्रिस्तान जाना भी सुन्नत है,मगर हालात को देखते हुए लोग अपने मरहूमीन और बुजुर्गों को घर से ही इस्ले शबा करें। नगर के बड़ी कर्बला चकिया के मुतवलली असगर अब्बास ने भी अपने समुदाय के लोगों से गुजारकश की है कि वे शब-ऐ-बारात पर कब्रिस्तान न आएं। उन्होने कहा कि सभी अपने घरों में ही रहकर इबात करें।

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