
इस बाहुबली के खौफ की तरह विकास दुबे बनाना चाहता था अपना साम्राज्य
जिसके नाम की दहशत से ही सफेदपोश भी कांप जाते थे, उसी का रौब था जब सपा सरकार के यादव भाई ने पूर्वांचल के इस माफिया पर हाथ रख दिया। सन 1977 से शुरू हुआ रेलवे के ठेकों से माफिया का सफर 40 कत्ल तक पहुच गया. राजनीति छाया के कई नए उम्र के लड़के
जिसके नाम की दहशत से ही सफेदपोश भी कांप जाते थे, उसी का रौब था जब सपा सरकार के यादव भाई ने पूर्वांचल के इस माफिया पर हाथ रख दिया। सन 1977 से शुरू हुआ रेलवे के ठेकों से माफिया का सफर 40 कत्ल तक पहुच गया. राजनीति छाया के कई नए उम्र के लड़के उसके शागिर्द बन गए पूर्वांचल में एक नाम है बाहुबली अतीक अहमद का। पिंटू सेंगर की हत्या में इस बाहूबली के गैंग या इनके शामिल होने को लेकर सिर्फ कयास लगाये जा रहे है पर वो सही साबित नही हुए।
जिसके बाद हर कोई पूर्वांचल के कुछ बड़े गैंग के बारे में जानना चाहता है। ऐसे ही एक गैंग के बाहूबली है अतीक अहमद। जिनका राजनिति कैरियर भी काफी लम्बा है। ये एक ऐसा माफिया है जिसकी सुनवाई से जजो ने किनारा कर लिया। जब उसे जेल ले जाया जा रहा था हर रुट पर पुलिस से ज्यादा गुर्गों की गाड़ियां होती थी। खुद कई मंत्री और अफसर पल पल की खबर लेते थे |
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में 1962 में जन्मा अतीक अहमद हाई स्कूल फेल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 17 साल की उम्र में उसके ऊपर हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। 1989 में उसने इलाहाबाद पश्चिम से चुनाव लड़ा और विधायक बना। समाजवादी पार्टी के शिवपाल सिंह यादव के खास कहे जाने वाले अतीक के ऊपर विभिन्न जनपदों में संगीन मुकदमें दर्ज है।
कानपुर में उस पर एक भी मुकदमा नहीं है । उसका कानपुर कनेक्शन एसटीएफ और पुलिस के पुराने अधिकारी बखूबी जानते है। डीटू गैंग के कुख्यात रफीक हो या जावेद रिंग वाला इन सभी को अतीक का आर्शीवाद प्राप्त था।
2017 में कैंट विधानसभा सीट से शिवपाल यादव के कहने पर अतीक अहमद को टिकट मिला था। चुनावी रैली करने आये अतीक की ठसक इसी से समझी जा सकती है कि उसके काफिले में 300 से ज्यादा कारों का काफिला था।
शहर के कई विधायक समेत शार्प शूटर, उसके रोड शो में शामिल हुए थे। कभी बसपा तो कभी अपना दल का हाथ थाम चुके पूर्वांचल के इस बाहूबली के कई खास ऐसे लोग है जो आज भी उसकी छत्रछाया में जीते है। पिंटू सेंगर हत्या कांड के बाद जब से पूर्वांचल गिरोह का नाम सामने आया है, तब से पुलिस की नजर अतीक और मुख्तार अंसारी के गैंग पर है।
इनका इस मर्डर से क्या कनेक्शन है ये तो जांच में सामने आयेगा, पर लेकिन अगर इस मर्डर में इस गैंग का हाथ सामने आया तो कुछ साल पूर्व हारून हत्याकांड के तार भी इस गैंग से जुड़ सकते है क्योंकि उसकी हत्या भी कुछ इसी तरह से की गयी थी।
शाहिद पठान
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