
श्रीराम जन्म भूमि के बाद अब कोर्ट पहुंचा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला
मथुरा: श्री रामजन्म भूमि विवाद सुलझने के बाद अब इतिहास के काले पन्नों में दफन एक और विवाद अब खुलकर न्यायालय पहुॅच गया है। यह विवाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित है, जहाँ के कुछ हिस्से में मस्जिद बना ली गई है। यह विवाद में 57 पन्नों की याचिका मथुरा की सीनियर सिविल जज की कोर्ट
मथुरा: श्री रामजन्म भूमि विवाद सुलझने के बाद अब इतिहास के काले पन्नों में दफन एक और विवाद अब खुलकर न्यायालय पहुॅच गया है। यह विवाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित है, जहाँ के कुछ हिस्से में मस्जिद बना ली गई है। यह विवाद में 57 पन्नों की याचिका मथुरा की सीनियर सिविल जज की कोर्ट में श्रीकृष्ण ठाकुर जी विराजमान सहित कई भक्तगणों को वादी बनाते हुए दायर किया गया है।
दायर वाद में मांग की गई है कि 12 अक्टूवर 1968 को हुए समझौता और 20 जुलाई 1973 को हुई डिक्री रद किया जाए। याचिका के जरिए 13.37 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा है, जिसमें ईदगाह भी शामिल है। वाद में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने का अनुरोध किया गया है। यह भी कहा गया है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को यह समझौता करने का अधिकार नहीं है।
ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है। याचिका में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मेनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को पार्टी बनाया गया है।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेश मणि त्रिपाठी, तरुणेश कुमार शुक्ला, शिवाजी सिंह, त्रिपुरारी तिवारी वादी हैं। जबकि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को पार्टी बनाया गया है।
यह खबर मीडिया में आते ही शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कृष्ण की नगरी में सभी भाईचारे के साथ रहते हैं, यह विवाद जबरदस्ती पैदा किया जा रहा है। फिलहाल न्यायालय सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा।
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