भारत लौटने लगे नेपाली कामगार

भारत लौटने लगे नेपाली कामगार

रुपईडीहा(बहराईच):- कोरोना महामारी को लेकर चार पाच माह पूर्व भारत के विभिन्न शहरों मे काम करने वाले नेपाली कामगार भारी संख्या मे नेपाल लौट आये थे। परन्तु अब नेपाली गांव मे कोई रोजी रोजगार के साधन न होने के कारण यह नेपाली कामगार अब पुनः भारत लौट रहे हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित नेपाली

रुपईडीहा(बहराईच):- कोरोना महामारी को लेकर चार पाच माह पूर्व भारत के विभिन्न शहरों मे काम करने वाले नेपाली कामगार भारी संख्या मे नेपाल लौट आये थे। परन्तु अब नेपाली गांव मे कोई रोजी रोजगार के साधन न होने के कारण यह नेपाली कामगार अब पुनः भारत लौट रहे हैं।

भारत नेपाल सीमा पर स्थित नेपाली थाना जमुनहा के पुलिस कर्मी इन लोगों को भारत मे भयावह रूप से फैल रही कोरोना महामारी का भय दिखाकर उन्हें अपने घरों को लौटने के लिए दबाव भी दे रहे हैं। परन्तु यह लोग मान नही रहे हैं। रविवार की शाम 04 बजे पसीने से तर बतर नेपाली जिला प्यूठान निवासी 25 वर्षीय आयुष तिरूवा ने अपने एक दर्जन साथियों के साथ भारत जाने का आग्रह किया तो नेपाली पुलिस कर्मियों व नेपाली मीडिया कर्मीयों ने उन्हें समझाया व भारत जाने से मना किया।

पीठ पर झोला लादे आयुष तिरुवा ने कहा कि तीन माह पूर्व हम लोग कोरोना महामारी के कारण भारत से अपने घर वापस आ गये थे। घर वापस लौटते समय काफी किराया भाडा़ खर्च हुआ था। कुछ पैसा घर मे बैठे बैठे खा गये। अब हम लोगों को चूल्हा जलने की नौबत नही हैं। हम लोग गुजरात मे नौकरी करते थे। हम लोग सुर्खेत जिले से 700 रुपये प्रति व्यक्ति गाड़ी बुक कर भारत नेपाल बार्डर पर पहुंचे हैं। आयुष तिरुवा के एक दूसरे साथी दलबहादुर विक ने बताया कि भारत के गुजरात के अहमदाबाद स्थित सोसाइटी मे काम करते थे। कोरोना संक्रमण फैलते ही हम लोग घर भाग आये थे ।

अब इधर उधर से कर्ज लेकर अहमदाबाद जा रहे है। घर मे खाने के लिए एक दाना नहीं हैं। सुर्खेत निवासनी लक्ष्मी विक ने कहा कि भारत मे हमारा रोजगार हैं। जब तक हाथ पैर चल रहे हैं। तब तक काम तो करना ही पड़ेगा। सुर्खेत निवासी विनोद कुमार विष्ट गुजरात मे होटल चलाते हैं। होटल कर्मचारियों सहित वे भी वापस नेपाल आ गये थे। 34 वर्षीय विष्ट ने कहा कि अब कोरोना महामारी के डर अब घर मे भूखो नही मर पायेंगे। भारत से नेपाल लौटते समय ये लोग नेपाली नागरिकता दिखा कर नेपाल लौट गये थे। अब भारतीय आधार कार्ड दिखाकर भारत लौट रहे है।

Inभारत मे लम्बे समय रहने के कारण इन नेपाली नागरिकों के आधार कार्ड बन गये थे। इस सम्बन्ध मे जब बाँके जिले के डीएम रामबहादुर कुरुम्वांग ने बताया कि भारतीय आधार कार्ड धारक नेपाली नागरिकों को भारत जाने की अनुमति दे दी गयीं हैं। नेपाल बार्डर पर भीड़ थामना मुश्किल हैं। तीन दिन पूर्व बार्डर पर स्थित नेपाली थाना जमुनहा के सहायक निरीक्षक विष्णु गिरी ने बताया कि नेपाली कर्णाली प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित बाँके, बर्दिया, कैलाली व पर्वतीय जिलों के हजारों नेपालियो के पास भारतीय आधार कार्ड हैं। ये लोग वर्षों से इन्डिया मे रह रहे है। उन्होंने बताया कि शनिवार व रविवार को 300 सौ से अधिक नेपाली कामगार भारत चले गये। कुछ के पास आधारकार्ड हैं कुछ के पास विभिन्न भारतीय कम्पनियों के पास है। भारतीय सुरक्षा कर्मी भी आधार कार्ड व पास देखकर भारतीय क्षेत्रों मे जाने की अनुमति दे रहे है। इन तथ्यों से दोहरी नागरिकता भी सिध्द हो रही हैं। सूत्र बताते हैं कि रूपईडीहा क्षेत्र के जो भारतीय कामगार नेपाल के विभिन्न जिलों मे काम करते थे। उन्हें अब नेपाल जाने से नेपाली सीमा पर रोका जा रहा हैं।

रिपोर्ट रईस अहमद

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