देश से बैर, चीन का हीरो बनने पर ज़ोर

देश से बैर, चीन का हीरो बनने पर ज़ोर

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि डॉ. अब्दुल्ला के बयान और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बयान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों नेता बेशर्मी से देश को बदनाम

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि डॉ. अब्दुल्ला के बयान और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बयान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों नेता बेशर्मी से देश को बदनाम करने एवं राष्ट्रद्रोही गतिविधियों में लगे हैं।

भाजपा के प्रवक्ता डॉ़ संबित पात्रा ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित हुए डॉ. फारूक अब्दुल्ला के देश विरोधी बयान को लेकर उन पर करारा प्रहार किया और कहा कि वह देश को बदनाम करने और राष्ट्र के खिलाफ काम करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्ला का बयान देशविरोधी है। राहुल गांधी और डॉ. फारूख अब्दुल्ला में ज्यादा फर्क नहीं है।”

उन्होंने कहा कि एक ओर डॉ. अब्दुल्ला अपने इंटरव्यू में चीन की विस्तारवादी मानसिकता को सही ठहराते हैं तो वहीं दूसरी ओर एक देशद्रोही वक्तव्य देते हैं कि भविष्य में हमें अगर मौका मिला तो हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे। उनका मानना है कि आज अगर चीन आक्रामक हुआ है तो इसका एक ही कारण है कि अनुच्छेद 370 को हिंदुस्तान ने हटाया।

पहले भी कर चुके हैं बदज़ुबानी

डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू किया जाएगा।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये वही राहुल गांधी है जिन्होंने एक हफ्ते पहले कहा था कि प्रधानमंत्री कायर है, प्रधानमंत्री छुपा हुआ है, डरा हुआ है। असल में पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़े करती है।

दूसरे देशों की तारीफ और अपने देश, प्रधानमंत्री और सेना के लिए इस प्रकार के वचन कहां तक सही है, यह सब आप समझते हैं। देश की संप्रभुता पर सवाल उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना क्या एक सांसद को शोभा देता है?

गत 24 सितंबर को डॉ. अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर आप जम्मू कश्मीर में जाकर लोगों से पूछेंगे कि क्या वह भारतीय हैं, तो लोग कहेंगे कि नहीं हम भारतीय नहीं है। उसी बयान में ही उन्होंने ये भी कहा था कि अच्छा होगा अगर हम चीन के साथ मिल जाएं। देश की संप्रभुता पर प्रश्न उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह लगाना क्या एक सांसद को शोभा देता है? क्या ये देश विरोधी बातें नहीं हैं?

कश्मीर क्या तुम्हारे बाप का है

इन्हीं फारूख अब्दुल्ला ने भारत के लिए कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर क्या तुम्हारे बाप का है, जो तुम उसे ले लोगे, क्या पाकिस्तान ने चूड़ियां पहनी हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे प्रश्न खड़े करती हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर राहुल गांधी पाकिस्तान में हीरो बने थे, फिर देश की बुराई और चीन की बढ़ाई कर वे चीन में हीरो बने और आज फारूक अब्दुल्ला चीन में हीरो बन रहे हैं। यदि इन दोनों को चीन इतना ही रास आ रहा है तो इन्हें वहीं चले जाना चाहिए।

डॉ. पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत के खिलाफ काम करने वाले तुर्की में दफ्तर खोला और अब ‘जीजाजी’ वहां स्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की मीडिया रिपोर्टें भी हैं कि कांग्रेस पार्टी ने चीन से उनका फेवर करने के लिए वहां की कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता भी किया था।

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