जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदला

जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदला

सरकार ने जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदलकर बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात में घोघा और हजीरा के बीच रोपैक्स फेरी सर्विस प्रारंभ करने के मौके पर अपने संबोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने वर्चुअल संबोधन में कहा अब जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदला जा रहा

 सरकार ने जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदलकर बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात में घोघा और हजीरा के बीच रोपैक्स फेरी सर्विस प्रारंभ करने के मौके पर अपने संबोधन में यह जानकारी दी।

उन्होंने वर्चुअल संबोधन में कहा अब जहाजरानी मंत्रालय का नाम बदला जा रहा है। अब यह मंत्रालय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय के नाम से जाना जायेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने रोपैक्स फेरर और टर्मिनत का उद्घाटन किया। रोपैक्स फैरी की शुरुआत से लोग सूरत के हजीरा बंदरगाह से भावनगर के घोघा बंदरगाह के बीच की दूरी जल मार्ग द्वारा केवल 4 घंट में पूरा कर सकेगें। जब​कि सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में 10 घंटे से ज्यादा का समय लगता है।

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मंत्रालय के कार्य

समुद्री परिवहन एक देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। यह देश की गति,संरचना और जल परिवहन के विकास का प्रतिनिधित्व करता है।जहाजरानी मंत्रालय के भीतर जहाज निर्माण और मरम्मत, प्रमुख बंदरगाहों, राष्ट्रीय जलमार्ग और अंतर्देशीय जल परिवहन भी शामिल है। मंत्रालय पर उनके कार्यान्वयन की नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

युद्ध के परिवहन विभाग को आवंटित कार्यों में प्रमुख बंदरगाहों,रेलवे प्राथमिकताओं,सड़क और जल परिवहन,पेट्रोल राशन और प्रोड्यूसर गैस के उपयोग शामिल हैं। मोटे तौर पर देखा जाए तो युद्ध के परिवहन विभाग का कार्य-युद्ध के समय में परिवहन के लिए जहाजों की मांग, तटीय शिपिंग का प्रशासन और प्रमुख बंदरगाहों का विकास था। बाद में, निर्यात की योजना बनाना परिवहन प्राथमिकता के विभाग लिया गया था।

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