दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से निपटने के लिए होगा एआई का इस्तेमाल

दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से निपटने के लिए होगा एआई का इस्तेमाल

नयी दिल्ली। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ‘डिसिजन सपोर्ट सिस्टम’ (डीएसएस) नाम से एक नयी प्रणाली बनाई जायेगी जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करेगी। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बने आयोग ने डीएसएस के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएसएस वेब, जीआईएस और

नयी दिल्ली। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ‘डिसिजन सपोर्ट सिस्टम’ (डीएसएस) नाम से एक नयी प्रणाली बनाई जायेगी जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करेगी।

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए बने आयोग ने डीएसएस के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीएसएस वेब, जीआईएस और मल्टी मॉडल आधारित टूल्स की मदद से क्षेत्र में प्रदूषण के स्रोतों का विश्लेषण करेगा और एआई के आधार पर उसके समाधान उपलब्ध करायेगा। समाधान लागू करने के बाद प्रदूषण में कितनी कमी आई है इसका विश्लेषण करके यह तय किया जायेगा कि कौन-सा समाधान कितना प्रभावी है।

डीएसएस को लागू कराने के लिए आयोग ने मौसम विभाग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मिट्रोलॉजी, टेरी, आईआईटी दिल्ली, एनईईआरआई और सी-डैक पुणे को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी हैं।

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प्रदूषण के स्रोतों के बारे में पता लगाने के लिए केमिकल ट्रांसपोर्ट मॉडल का उपयोग किया जायेगा अर्थात् हवा में मौजूद रसायनों की मात्रा के आधार पर यह तय किया जायेगा कि किस स्रोत से कितना प्रदूषण हो रहा है।

दिल्ली-एनसीआर में ये स्रोत उद्योगों, वाहनों, विद्युत संयंत्रों, घरों और डीजल से चलने वाले जेनरेटरों से निकलने वाला धुआँ, सड़कों की धूल, पराली, कूड़े के जलाने से होने वाला धुआँ, निर्माण कार्य के दौरान उड़ने वाली धूल, अमोनिया, लैंडफिल साइट आदि हैं।

इन्पुट- यूनीवार्ता

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