टीके के Transportation के लिए DGCA ने जारी की guidelines
नयी दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने शुष्क बर्फ में कोविड-19 टीकों के transportation के लिए विमान सेवा कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश (guidelines) जारी किये हैं। महानिदेशालय के आज जारी परिपत्र में कहा गया है कि यात्री केबिन में यदि शुष्क बर्फ के साथ टीकों की ढुलाई की अनुमति तभी होगी जब उसमें आम यात्री
नयी दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने शुष्क बर्फ में कोविड-19 टीकों के transportation के लिए विमान सेवा कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश (guidelines) जारी किये हैं।
महानिदेशालय के आज जारी परिपत्र में कहा गया है कि यात्री केबिन में यदि शुष्क बर्फ के साथ टीकों की ढुलाई की अनुमति तभी होगी जब उसमें आम यात्री सवार न हों। साथ ही केबिन क्रू तथा अनिवार्य सदस्यों के लिए सुरक्षा के लिए जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
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कोविड-19 के लिए दुनिया भर में विकसित विभिन्न टीकों को माइनस आठ से माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रखने की जरूरत होती है। इसे देखते हुये उनके परिवहन और भंडारण के दौरान तापमान कम रखने के लिए कई प्रकार के उपाय किये जाते हैं। शुष्क बर्फ यानी ठोस कार्बन डाई-ऑक्साइड काफी सस्ता आसानी से उपलब्ध विकल्प है, लेकिन माइनस 78 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान पर यह लगातार गैस में बदलता रहता है। इससे विमान के अंदर वायु दाब में बदलाव और कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस की अधिकता की समस्या आ सकती है।
DGCA ने एयरलाइंस से कहा है कि वे विमान निर्माता कंपनियों के मैन्युअल के अनुरूप यह तय करें कि कार्गो कंपार्टमेंट में और केबिन में अधिकतम कितना शुष्क बर्फ रखा जा सकता है। इसके लिए तकनीकी दिशा-निर्देश क्या हैं। साथ ही कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस से किसी को नुकसान न हो इसके लिए चालक दल के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाना अनिवार्य किया गया है। केबिन में अन्य अनिवार्य सदस्यों की उपस्थिति की स्थिति में हर समय अतिरिक्त ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।