
प्रशासन ने कटीले तारों से सजाया गाजीपुर बॉर्डर
गाजीपुर : देश में पिछले कुछ महीनों से चल रहा किसान आंदोलन तेजी पकड़ रहा है। किसान बिल को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं।राज्यों की सीमाओं पर निगरानी रखे हुए हैं।प्रशासन ने बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी है। शुक्रवार को गौतम बुध नगर पुलिस ने चिल्ला बॉर्डर पर कैमरे भी लगवाए।के लिए
गाजीपुर : देश में पिछले कुछ महीनों से चल रहा किसान आंदोलन तेजी पकड़ रहा है। किसान बिल को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं।राज्यों की सीमाओं पर निगरानी रखे हुए हैं।प्रशासन ने बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी है। शुक्रवार को गौतम बुध नगर पुलिस ने चिल्ला बॉर्डर पर कैमरे भी लगवाए।के लिए किसी भी तरह जोखिम नहीं उठाना चाहती।और वहीं दूसरी ओर गाजीपुर में भारतीय किसान यूनियन का धरना पहले से भी ज्यादा तेज हो चुका है। राकेश टिकैत के आंसू भरे शब्दों ने एक बार फिर बॉर्डर पर भीड़ बढ़ा दी है। सभी किसान फिर से बॉर्डर पर एकत्रित होने लगे हैं। भीड़ पर निगरानी करने के लिए ड्रोन उड़ा रही है। इसके साथ साथ दिल्ली के और आने जाने वाले रास्तों पर पुलिस स्थाई रूप से बंद किए हुए हैं। पुलिस ने बॉर्डर पर अब तो कांटे वाले तार भी लगा दिए हैं जिससे किसानों का दल रास्ता पार ना कर सके।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की घोषणा की थी। जिसके चलते पुलिस और किसानों के बीच वार्ता के बाद 26 जनवरी को किसानों ने सुबह दिल्ली कूच किया था। लेकिन लाल किला समेत राजधानी के कई हिस्सों में हिंसा हुई जिसके बाद बड़ी संख्या में किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए। इस हिंसा में कई जवान भी जख्मी हुए थे। हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की तैयारियां शुरू हो गई थीं।
लाल किले पर हिंसा होने के बाद किसान आंदोलन एकदम से कमजोर पड़ गया था। लेकिन गुरुवार की देर शाम राकेश टिकैत ने पासा ही पलट दिया। टिकैत का रोते हुए वीडियो वायरल पूरे देश में हो गया। टिकैत के आंसुओं को देखने के बाद टोली रातों-रात गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगी। देखते ही देखते रातो रात यह धरना पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत हो चुका था। ऐसे में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस हाईअलर्ट पर हैं। हालात पर नजर रखने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस व्यापक इंतजाम कर रही हैं। सीसीटीवी कैमरों के साथ पुलिस नेबॉर्डर पर कटीले तारों का भी प्रबंध कर दिया जिससे आंदोलन उग्र ना हो सके।
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