
चारधाम सड़क परियोजना: केंद्र को जवाब के लिए मिली मोहलत
नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड में हाल में आई आपदा को चारधाम सड़क परियोजना से जोड़ने के आरोपों के जवाब के लिए बुधवार को केंद्र सरकार को दो सप्ताह की और मोहलत दे दी। केंद्र सरकार ने ग्लेशियर टूटने की घटना को चारधाम सड़क परियोजना से जोड़े जाने के आरोपों को नकारते हुए जवाब
नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड में हाल में आई आपदा को चारधाम सड़क परियोजना से जोड़ने के आरोपों के जवाब के लिए बुधवार को केंद्र सरकार को दो सप्ताह की और मोहलत दे दी।
केंद्र सरकार ने ग्लेशियर टूटने की घटना को चारधाम सड़क परियोजना से जोड़े जाने के आरोपों को नकारते हुए जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त मोहलत देने का उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया।
ये भी पढ़ें- देवभूमि में छाया मातम, हिमखंड टूटने से मची तबाही
गौरतलब है कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर हाल में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा को चारधाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना से जोड़ा है। साथ ही परियोजना के मौजूदा स्वरूप को हिमालय के पारिस्थितिक संतुलन के प्रति चिंतनीय बताया है।
इससे पहले एटर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा द्वारा लगाए गए आरोप ठीक नहीं हैं। इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर और इसके अलावा दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े शोल्डर रखे जाने का अनुरोध किया है, ताकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमांत इलाके को जोड़ने वाली सड़क पर सेना और साजो-सामान का आवागमन आसान हो सके हालांकि अभी तक शीर्ष अदालत ने सड़क की चौड़ाई सिर्फ 5.5 मीटर रखने की ही इजाजत दी है।
इन्पुट- यूनीवार्ता
Recent News
Related Posts
