
डीआरडीओ ने विकसित की मिसाइल रोधी प्रौद्योगिकी
नई दिल्ली- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने नौसैनिक जलपोतों को दुश्मन के मिसाइल हमले से बचाने के लिए स्वदेशी उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित की है। उन्नत शॉफ प्रौद्योगिकी की मदद से राकेट के तीन तरह के संस्करण विकसित किये गये हैं जो छोटी दूरी, मध्यम दूदी तथा लंबी दूरी के होंगे और इन्हें नौसेना
नई दिल्ली- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने नौसैनिक जलपोतों को दुश्मन के मिसाइल हमले से बचाने के लिए स्वदेशी उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित की है।
उन्नत शॉफ प्रौद्योगिकी की मदद से राकेट के तीन तरह के संस्करण विकसित किये गये हैं जो छोटी दूरी, मध्यम दूदी तथा लंबी दूरी के होंगे और इन्हें नौसेना की जरूरत के अनुसार विकसित किया गया है। इस उपलब्धि को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बडा कदम बताया जा रहा है।
नौसेना ने हाल ही में राकेट के इन तीनों संस्करण का अरब सागर में परीक्षण किया था और इनके परिणाम संतोषजनक पाये गये थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा जी सतीश रेड्डी ने वैज्ञानिकों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है।
इन्पुट- यूनीवार्ता
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