
2 महीने बाद रिहा हुए मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता लीचोम्बम
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिये गये मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरनेड्रो लीचोम्बम को शाम पांच बजे तक रिहा करने का सोमवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील शदन फरासत की दलीलें सुनने के बाद एक हजार रुपये का बाण्ड जमा
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिये गये मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरनेड्रो लीचोम्बम को शाम पांच बजे तक रिहा करने का सोमवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील शदन फरासत की दलीलें सुनने के बाद एक हजार रुपये का बाण्ड जमा कराने की शर्त पर शाम पांच बजे तक रिहा करने का आदेश दिया।
कोविड उपचार सम्बन्धी की थी टिप्पणी
लीचोम्बम ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि गोबर या गौमूत्र से कोविड का इलाज नहीं हो सकता। इसके बाद 13 मई को उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने यह टिप्पणी मणिपुर की भाजपा इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर टिकेंद्र सिंह की मौत के संदर्भ में की थी। इस पोस्ट से नाराज कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई कल तक स्थगित करने का आग्रह किया था लेकिन न्यायालय ने कहा, “हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता को लगातार हिरासत में रखना उसके जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन है। हम अंतरिम आदेश के तौर पर याचिकाकर्ता को शाम पांच बजे रिहा करने का आदेश देते हैं।” लीचोम्बम को 17 मई को जमानत तो मिल गयी थी, लेकिन इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत उन्हें हिरासत में ले लिया था।
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