एयर इंडिया बेचने के लिए नियमों में ढील देगी सरकार
नयी दिल्ली | हजारों करोड़ रुपये ऋण के बोझ तले दबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की शर्तों में बड़े बदलावों के साथ बोली लगाने के लिए प्राथमिक सूचना दस्तावेज (पीआईएम) नये सिरे से जारी किया जायेगा। कोविड-19 महामारी से विमानन क्षेत्र पर काफी प्रतिकूल असर हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें लगभग पूरी
नयी दिल्ली | हजारों करोड़ रुपये ऋण के बोझ तले दबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की शर्तों में बड़े बदलावों के साथ बोली लगाने के लिए प्राथमिक सूचना दस्तावेज (पीआईएम) नये सिरे से जारी किया जायेगा।
कोविड-19 महामारी से विमानन क्षेत्र पर काफी प्रतिकूल असर हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें लगभग पूरी तरह बंद हैं जबकि देश में घरेलू उड़ानें धीरे-धीरे पटरी पर आती दिख रही हैं। महामारी से पहले एयर इंडिया की दो-तिहाई कमाई अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेशन से ही होती थी। इसलिए राजस्व अभी आधे से भी कम रह गया है। निकट भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय विमानन क्षेत्र के तेजी से प्रगति पर लौटने की उम्मीद भी नहीं है।
मामले के जानकार सूत्रों ने ‘यूनीवार्ता’ बताया कि इस साल जनवरी में जारी पीआईएम में विनिवेश के लिए जो शर्तें रखी गई थी निवेशक उनमें बड़े बदलावों की माँग कर रहे हैं। ऐसे में दो सप्ताह में संशोधित पीआईएम जारी किया जायेगा। कई बार बढ़ाये जाने के बाद फिलहाल अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है। उम्मीद है कि उससे पहले ही संशोधित पीआईएम जारी कर दिया जायेगा।
नये सिरे से पीआईएम जारी करने का मतलब है कि अभिरुचि पत्र दाखिल करने के लिए निवेशकों को और समय दिया जायेगा। इससे एयर इंडिया के विनिवेश में और देरी होने की संभावना है। सरकार ने इस साल 27 जनवरी को एयर इंडिया के विनिवेश के लिए पीआईएम जारी किया था। इसके तहत एयर इंडिया और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बचने का प्रस्ताव है। साथ ही एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज (एआईएसएटीएस) में एयर इंडिया की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी बेचने का प्रस्ताव है।
- वार्ता