उत्तर प्रदेश में 3 साल तक नहीं लागू होगा श्रम कानून
कोरोना की मार से चरमारई अर्थव्यवस्था के पहिए को फिर से घुमाने के लिए सरकारे हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे ही एक प्रयास के तहत आज उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों को श्रम कानून से राहत दे दी है। योगी सरकार ने आज एक अध्यादेश जारी करते हुए 3 साल के लिए श्रम
कोरोना की मार से चरमारई अर्थव्यवस्था के पहिए को फिर से घुमाने के लिए सरकारे हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे ही एक प्रयास के तहत आज उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों को श्रम कानून से राहत दे दी है। योगी सरकार ने आज एक अध्यादेश जारी करते हुए 3 साल के लिए श्रम कानूनों से राहत दे दी है। इस अध्यादेश के तहत राज्य में लागू 40 श्रम कानूनों में से 32 को अस्थाई तौर पर खत्म कर दिया है।
खत्म किये गये कानूनों में श्रम कानून, जो औद्योगिक विवादों को निपटाने, श्रमिकों व ट्रेड यूनियनों के स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति, ठेका व प्रवासी मजदूर से संबधित कानून है। जबकि 1976 का बंधुआ मजदूर अधिनियम, 1923 का कर्मचारी मुआवजा अधिनियम और 1966 का अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम पहले की तरह ही लागू रहेगा।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले को विदेशी औद्योगिक इकाईयों को आकर्षति करने के उद्देश्य से भी देखा जा रहा है। हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने चीन से पलायन करने वाली कंपनियों को उत्तर प्रदेश में आने के लिए न्योता दिया है।