बजट मे ज्वेलरी इंडस्ट्री की उम्मीद, कम हो टैक्स का मकड़जाल
नई दिल्ली। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में देश की आम जनता के साथ ही तमाम उद्योग धंधों को भी वित्त मंत्री से काफी राहत की उम्मीद है। बीते साल कोरोना की मार से बेहाल रहे व्यापारियों को भी इस बजट में केंद्र से राहत की उम्मीद होगी। वहीं साथ में साधारण
नई दिल्ली। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में देश की आम जनता के साथ ही तमाम उद्योग धंधों को भी वित्त मंत्री से काफी राहत की उम्मीद है। बीते साल कोरोना की मार से बेहाल रहे व्यापारियों को भी इस बजट में केंद्र से राहत की उम्मीद होगी। वहीं साथ में साधारण टैक्सपेयर भी इन्कम टैक्स में राहत की उम्मीद लगाये बैठा है।
ऐसे में कंफडरेशन आॅफ आल इंण्डिया ट्रेडर्स ने सरकार से ज्वैलरी उद्योग में विशेष राहत की मांग की है। कैट के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा ने बताया कि संस्था ने सरकार से 4 मुख्य मांगें की है।
- कस्टम ड्यूटी 4 प्रतिशत हो ताकि अनहेल्दी कॉम्पिटिशन ना हो।
- बुलियन और ज्वेलरी की सेल पर टीसीएस लागू ना हो ताकि सेल पर नकारात्मक प्रभाव ना पड़े।
- ज्वेलरी इंडस्ट्री को पीएमएलए कानून के दायरे से बाहर रखे।
- ज्वेलरी इंडस्ट्री पर एवरेज सिस्टम की जगह लीफो सिस्टम यानी लास्ट इन फर्स्ट आउट सिस्टम लागू हो ताकि ज्वैलर को स्टॉक बेचकर टैक्स ना चुकाना पड़े यानी ज्वैलर का स्टॉक बढे भाव के कारण ना घटे।
गौरतलब है कि बीते साल लाॅकडाउन के कारण लगभग 4 माह तक दुकानों को बंद करना पड़ा था, जिसमें एक मुख्य त्यौहार अक्षय तृतीया में भी बाजार बंद रहे, जिसके कारण ज्वैलरी के व्यापारियों को भारी घाटा उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को मानकर बजट में प्रावधान करती है तो इससे देशभर के ज्वैलर्स को काफी आराम मिलेगी।