जीएसटी संशोधन के खिलाफ कैट करेगा देशव्यापी आंदोलन

जीएसटी संशोधन के खिलाफ कैट करेगा देशव्यापी आंदोलन

उत्तर प्रदेश के कानपुर झांसी लखनऊ प्रयागराज वाराणसी मथुरा से व्यापारी नेता पहुॅचेंगे नागपुर. CAIT की नेशनल गवर्निंग कौंसिल की मीटिंग में 10 मुख्य व्यापारिक मुद्दों पे होगी चर्चा 8 से 10 FEB तक कोरोना महामारी के क्रूर काल के बाद ऐसे समय में जब भारत का खुदरा व्यापार को दोबारा स्थापित करने के लिए

उत्तर प्रदेश के कानपुर झांसी लखनऊ प्रयागराज वाराणसी मथुरा से व्यापारी नेता पहुॅचेंगे नागपुर. CAIT की नेशनल गवर्निंग कौंसिल की मीटिंग में 10 मुख्य व्यापारिक मुद्दों पे होगी चर्चा 8 से 10 FEB तक

कोरोना महामारी के क्रूर काल के बाद ऐसे समय में जब भारत का खुदरा व्यापार को दोबारा स्थापित करने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहा है ऐसी स्थिति में जीएसटी कर प्रणाली में कई मनमाने संशोधनों के कारण जीएसटी का स्वरूप विकृत ही गया है और अब यह देश भर के व्यापारियों के जी का जंजाल बन गया है । इस तरह के परिदृश्य के मद्देनजर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने इस तरह के संशोधनों का कड़ा विरोध करते हुए जीएसटी के वर्तमान स्वरूप के ख़िलाफ़ देश भर में एक बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की है और आगामी 8 फ़रवरी से 10 फ़रवरी तक नागपुर में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में आंदोलन की भविष्य का रूप तय किया जाएगा ।देश भर के लगभग 200 प्रमुख व्यापारी नेता सम्मेलन में भाग लेंगे ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके विभिन्न दूरदर्शी कार्यक्रम के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन यह बेहद खेदजनक है कि केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन व्यापारियों के लिए एक बड़ा दर्द बन गया है जिसमें विशेष रूप से देश में जीएसटी की वर्तमान जटिल स्थिति उसके मूल सिद्धांतों का अत्यधिक उल्लंघन है । वर्ष 2017 में जीएसटी लागू करने के समय अनेक बड़ी बातें कही गई थी लेकिन गुड एंड सिंपल टैक्स के स्थान पर यह एक अप्रिय और जटिल कराधान प्रणाली बन गई है जिससे व्यापारियों द्वारा जीएसटी का समय पर पालन नहीं हो पास रहा है देश का व्यापारिक समुदाय गहरी चोट करता है । कैट ने जीएसटी के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ एक आक्रामक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है और इसलिए, 8 से 10 फरवरी तक राष्ट्रीय व्यापारी नेता इस आंदोलन की रूप रेखा घोषित करेंगे ।

जटिल लाइसेंस व्यवस्था पर भी होगी चर्चा

राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी के अलावा कैट के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में ई-कॉमर्स व्यापार और प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति , महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने, मुद्रा योजना का मूल्यांकन, व्यापारियों के लिए वित्त की आसान उपलब्धता, 28 प्रकार के लाइसेंसों के स्थान पर एक लाइसेन्स,स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में व्यापारियों की भूमिका, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियां, लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत का का ज़मीनी स्तर पर सफल क्क्रियान्वयन, खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति, राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर ट्रेड बोर्ड का गठन, डिजिटल भुगतानों की स्वीकृति और अपनाने, खुदरा व्यापार के मौजूदा प्रारूप का डिजिटलीकरण, आपूर्ति श्रृंखला में एफएमसीजी कंपनियों द्वारा की जा रही विकृतियां जैसे विषयों पर भी गम्भीर चर्चा की जाएगी और भविष्य के लिए रूपरेखा तय होगी ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि खुदरा व्यापार लगातार उपेक्षित रहा है, हालांकि यह 80 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार कर रहा है और देश में 8 करोड़ व्यापारी 40 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं।कैट ने देश में खुदरा व्यापार परिदृश्य को बदलने के लिए इन मुद्दों आक्रामक रूप से निर्णय लेने का फैसला किया है।

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