कहीं देश के लिए खतरा न बन जाये धर्मान्धता

कहीं देश के लिए खतरा न बन जाये धर्मान्धता

एक “साद” ने पूरे देश को अवसाद से भर दिया। सोचिए कि अगर पूरे देश में केवल सौ, हज़ार , 10 हज़ार या केवल कुछ लाख भी “साद” हों तो देश रसातल में जाएगा कि नहीं? इसलिए जब तक देश के आम मुसलमान इन “सादों” के गुनाहों पर पर्दा डालते रहेंगे, उनका बचाव करते रहेंगे

एक “साद” ने पूरे देश को अवसाद से भर दिया। सोचिए कि अगर पूरे देश में केवल सौ, हज़ार , 10 हज़ार या केवल कुछ लाख भी “साद” हों तो देश रसातल में जाएगा कि नहीं? इसलिए जब तक देश के आम मुसलमान इन “सादों” के गुनाहों पर पर्दा डालते रहेंगे, उनका बचाव करते रहेंगे या चुप्पी मारकर बैठे रहेंगे, तब तक उनमें से किसी भी व्यक्ति का गुनाह “साद” से कम नहीं माना जा सकता।

याद रखिए कि देश और देशवासी बचेंगे, तभी धर्मनिरपेक्षता भी बची रहेगी। अगर देश और देशवासी ही नहीं बचेंगे, तो इस देश में कौन ऐसा मूर्ख होगा, जो धर्मनिरपेक्षता का झुनझुना बजाता रहेगा?और कृपया यह भी याद रखिए कि धर्मनिरपेक्षता कोई संविधान द्वारा थोपी हुई चीज़ नहीं, बल्कि इस देश के नागरिकों द्वारा अपनी इच्छा से स्वीकार की हुई अवधारणा है।

जिस दिन देश के बहुसंख्य नागरिकों का इससे मोहभंग हो जाएगा, उस दिन देश का संविधान भी अपने को संशोधित कर लेगा।इसलिए, सभी लोग देश की मुख्यधारा में रहें, देश और इसके नागरिकों के लिए खतरा बनने की सोच त्याग दें।

Also Read क्रेडिट कार्ड रिवार्ड पॉइंट में 'खेला' कर रही कंपनियाँ, राउंड ‘डाउन’ के नाम पर यूजर्स को लग रहा चूना

धर्म को धर्म ही रहने दें। इसे अधर्म, अफीम, अमानवीय विचार व गतिविधि न बनने दें। अपनी धार्मिक मान्यताओं और विचारों पर नियंत्रण रखें। इसे देश के कानून, व्यवस्था और अन्य नागरिकों की जिंदगियों के लिए खतरा न बनने दें। कृपया इस बात को समझें कि भारत अपनी भारतीयता में ही सबसे ज़्यादा खूबसूरत है। इसलिए कृपया इसे अमेरिका, चीन और म्यांमार बनने के लिए मजबूर न करें। शुक्रिया।

Recent News

Follow Us