मानवता के खिलाफ एक जंग में : कोरोना
कोरोना सिर्फ एक वायरस मात्र नहीं बल्कि एक ऐसा जैविक एजेंट है, जो किसी भी शत्रु, दुश्मन देश या संपूर्ण मानवता के खिलाफ जंग में एक अचूक हथियार साबित हो चुका है। कोरोना एक प्राकृतिक वायरस है, लेकिन इसका इस्तेमाल एक जैविक हथियार की तरह किया जा सकता है, ये चीन ने बता दिया। निःसन्देह
कोरोना सिर्फ एक वायरस मात्र नहीं बल्कि एक ऐसा जैविक एजेंट है, जो किसी भी शत्रु, दुश्मन देश या संपूर्ण मानवता के खिलाफ जंग में एक अचूक हथियार साबित हो चुका है।
कोरोना एक प्राकृतिक वायरस है, लेकिन इसका इस्तेमाल एक जैविक हथियार की तरह किया जा सकता है, ये चीन ने बता दिया। निःसन्देह इसे चीन का ईजाद तो नहीं कहा जा सकता, मगर उसने एक ऐसा घातक बायो केमिकल वैपन जरूर ढूंढ निकाला, जिसका वार अचूक है। निश्चित ही उसके पास इस वायरस की तोड़ भी मौजूद होगी, यानी इसका एंटी डोज। शायद इसीलिए उसने जल्द ही इस पर काबू पा लिया और अपने स्कूल, मॉल, ऑफिस, सिनेमा घरों को खोल दिया।
चीन में अब तक कोरोना के 82,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और उसने 77,000 लोगों को ठीक कर लिया। यह सुनने में बिल्कुल नामुमकिन सा लगता है… जहां एक ओर यूनाइटेड स्टेट, इटली, स्पेन, फ्रांस की अत्याधुनिक तकनीकों से लैस स्वास्थ्य सेवाओं की धज्जियां उड़ गई, वहीं दूसरी ओर चीन ने लगभग 90 प्रतिशत लोगों को रिकवर कर लिया। इसका मतलब साफ है, उसने कोरोना वायरस का एंटीडोज पहले से ही तैयार कर लिया होगा, और इससे बचने के लिए सारे खतरों का आकलन करके वक़्त रहते जरूरी कदम भी उठा लिए, लेकिन ये भी सच है कि वह दुनिया को इतनी आसानी से वह एंटीडोज नहीं देने वाला, जिसकी बदौलत उसने इस महामारी पर काबू पाया।
दुनिया भले ही इस बात में उलझी रहे कि ये वायरस चमगादड़ या साँप के जरिए इंसान में कैसे फैला। लेकिन चीन ने जिस तरह से दुनिया को संकट में डाला, उसने चीन के प्रति अविश्वास की एक गहरी खाई बना दी है।
निश्चय ही विश्व के बाकी देश उसकी निंदा करें और उत्तरी कोरिया की तरह उसे भी समूचे विश्व बिरादरी से अलग थलग कर दे, यह संभव ना भी हुआ तब भी, दुनिया भर में फैले चीन के नागरिकों पर इसका असर जरूर पड़ेगा।चाइनीज़ फूड और रेस्टोरेंट्स पहले ही निशाने पर आ चुके हैं।
वुहान की लैब में इस वायरस की खोजबीन उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था या नहीं, कहना मुश्किल है लेकिन शी जिनपिंग की एक आर्थिक महाशक्ति और सैन्य महाशक्ति बनने की सनक ने दुनिया की ये हालत कर दी। वुहान के अंदर क्या चल रहा था, यह बात अभी दुनिया के सामने आना बाकी है.. बहुत मुश्किल है कि सही जानकारी दुनिया के सामने आये।
दिनेश कुशवाहा ( इंक पब्लिकेशन के संस्थापक व लेखक )