जन्माष्टमी के दिन ऐसे करें बाल गोपाल को प्रसन्न और कर ले अपनी हर मनोकामना पूर्ण

जन्माष्टमी के दिन ऐसे करें बाल गोपाल को प्रसन्न और कर ले अपनी हर मनोकामना पूर्ण

श्री कृष्ण जो प्रतिक हे सखा के ,प्रेम के धर्म के ,सौंदर्य के, श्रृंगार के ,सारथी के ,ज्ञान के, सामर्थ्य के ,जिन्होंने गीता का उपदेश दिया धर्म के मार्ग पर चलने का ज्ञान दिया जिनका प्राक्टय जन्मोत्सव प्रतिवर्ष जन्माष्टमी को मनाया जाता है शास्त्रों के अनुसार कृष्ण जी का जन्म द्वापर युग के अंत में

श्री कृष्ण जो प्रतिक हे सखा के ,प्रेम के धर्म के ,सौंदर्य के, श्रृंगार के ,सारथी के ,ज्ञान के, सामर्थ्य के ,जिन्होंने गीता का उपदेश दिया धर्म के मार्ग पर चलने का ज्ञान दिया जिनका प्राक्टय जन्मोत्सव प्रतिवर्ष जन्माष्टमी को मनाया जाता है शास्त्रों के अनुसार कृष्ण जी का जन्म द्वापर युग के अंत में विष्णु के आठवे अवतार के रूप में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था अतः प्रतिवर्ष को इस तिथि नक्षत्र में हम कृष्ण जन्मोत्सव मनाते ह इस वर्ष नक्षत्र व तिथि में अंतर होने के कारण 2 दिन अर्थात 11 व 12 अगस्त 2020 को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग दिन जन्माष्टमी मनाया जाएगा

अष्टमी तिथि प्रारंभ 11अगस्त 2020 को प्रातः 9.06 बजे आरंभ
अष्टमी तिथि समाप्त 12 अगस्त 2020 प्रातः 11.16 बजे

-:-पूजन विधि-:-

कृष्ण अष्टमी व्रत पूजन करें उस दिन कृष्ण लल्ला को सुसज्जित छोटे से पालने में बिठा दें और उस पर सुनहरे रंग की डोर बांधे रात्रि 12:00 बजे जन्म के पश्चात आरती करने के बाद नंद लाल को झूला झुलाए

पूजा में कृष्णजी कुछ प्रिय वस्तुओं को शामिल करें जिससे कि श्री कृष्ण प्रसन्न होंगें व उनकी विशेष कृपा आप को प्राप्त हो सके.

1:- श्री कृष्ण को जो भी भोग लगाएं तुलसी के पत्तों का प्रयोग अवश्य करें याद रहे बिना तुलसी के श्री कृष्णा भोग अधूरा माना जाता है क्योकि माता तुलसी को भगवान विष्णु से यह वरदान प्राप्त है ही जो भी भक्त मुझे प्रशाद भोग लगाएगा वो में बिना तुलसी के ग्रहण नही करुगा और सदैव तुलसी के चरणों मे शालिग्राम बनकर रहूँगा अतः श्री कृष्ण विष्णु के अवतार है इसलिए इनको बिना तुलसी है भोग नही लगाया जाता क्योकि वह इन्हें स्वीकार नही

2:- श्रीकृष्ण को पीले रंग की या मोर पंख वाली राखी बांधकर अपना साथ देने रक्षा का वचन मांगे श्री कृष्ण को द्रोपती ने अपनी साड़ी की एक टुकड़ा बांधा था तब श्री कृष्ण ने द्रोपती को रक्षा का वचन व साथ देने का वाच दिया था तभी से परम्परा चली आ रही है श्री कृष्णजी को रक्षा सूत्र बांध कर उनसे साथ देने व रक्षा का वचन लेने की

3:-गाय व बछड़े की मूर्ति घर में इस दिन से वास्तु दोष दूर होगा व संतान सुख में प्राप्त होगा गौ माता में 36करोड़ देवी देवताओं का वास है पहले के समय मे हर घर में गाय पाली जाती थी अतः ईश्वर का वास रहता था व समस्त वस्तु दोष दूर दूर हो जाते थे|
किन्तु अब आधुनिक युग मे गऊ पालन हर किसी के लिए संभव नही अतः वस्तु शस्त्र के अनुसार यदि कोई गाय पालन ना कर सके तो वह गौ माता की मूर्ति दुधपिते बछड़े के साथ स्थापित कर सकता है|

4:- श्री कृष्ण को पारिजात व हारशृंगार के पुष्प अत्यंत प्रिय है अतः यह पुष्प उन्हें अर्पित करे श्री कृष्ण सौंदर्य शृंगार प्रेम के प्रतीक है अतः उन्हें पुष्प व उनकी सुगन्ध अत्यंत प्रिय है यह पुष्प से आप उनका साजो शृंगार करके या उन्हें अर्पित करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते है|

5:- श्री कृष्ण की पालकी को मोर पंखों से सजावट जरे मोरपंख कृष्णजी को अतन्यत लुभाते है श्री कृष्ण को मोर नृत्य व मोर अति भाते है| उनके मुकुट में भी मोर पंख का स्थान सर्वोच्च है| अतः मोर पंख वाला मुकुट श्री कृष्ण को पहनाए व साजो सजावट पालने की भी मोर पंख से करे|

6:- नंदलल्ल को माखन मिश्री का भोग अपनी उंगली से चाटना ना भूले ,यह कोन नही जानता कि नंदल्ला को माखन कितना प्रिय है| उसके लाइक उन्होंने किसी की मटकी तोड़ी तो किसी के यह माखन चुराया, इसीलिए उन्हें मखन चोर भी कहते है| आप चाहे जो भी भोग लगाए किन्तु लल्ला को तो माखन मिश्री ही भाता है|

7:- दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करे व वामवर्ति शंख से कृष्णजी का स्नान दूध दही जल शहद इत्र से कराए,
यह वही शंख है| जिसे धर्म के लिए श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय बजाय था| यह शंख नाद था, अधर्म के विरुद्ध और धर्म न्याय के लिए अपने घर मे दक्षिणावर्ती शंख रखे, यह आपको शत्रु पीड़ा से दूर रखेगा व आप के साथ श्री कृष्ण सदैव न्याय करेंगे|

8 :- संतान कामना वाले दम्पत्ति संतान गोपाल मंत्र का पाठ अवश्य करे व जोड़े सहित पालने को झूला दे, जो दंपत्ति संतानसुख से वंचित है, या कान्हा जैसी नटखट संतान चाहते है, मांग लीजिये श्री कृष्ण से उन्ही के जन्मोत्सव के दिन वो आपकी झोली खाली नही रखेंगे|

9 :- अष्टमी वाले दिन गयो को हरा चारा खिलाना ना भूले, इससे आपको श्री कृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होगी, श्री कृष्ण का गौ माता के लिए सदैव ही अत्यंत रहा है, और गाय में सभी ईश्वर का वास होने के कारण चाहे आपको कोई भी समस्या क्यो ना हो चाहे कोई कुंडली या ग्रह संबंधित समस्या हो वो यह उपाय करने से जरूर दूर होगी|

10 :- रिश्तो में खटास को दूर करने के लिए मधुराष्टकं का गान करे,
मधुराष्टकं अर्थात मधुरता को लाने वाला मंत्र यदि पति पत्नी या प्रेमी प्रेमिका के संबंधों में दूरी या खटास आने लगी, हो तो यह मंत्र आपके लिए वरदान सिद्ध होगा, आखिर श्री कृष्ण तो प्रतीक ही प्रेम के है, उनका यह मंत्र आपके जीवनमे भी मधुरता व प्रेम भर देगा|

उपरोक्त उपाय व पूजा संबंधी जानकारी निश्चित ही आपके जीवन मे क्षुब्धा का प्रतीक बनकर आएगी

  • ज्योतिषाचार्य अंशु दीदी
  • 94240 14048

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