मधुबनी (बिहार) :- एसएसबी ने अनाधिकृत रास्ता बताकर प्रवासियों को रोका।
बॉर्डर खुलने के इंतजार में छोटे बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं के साथ दो दिनों से भूखे प्यासे बेबस हैं प्रवासी।
भारत नेपाल सीमा के पिपरौन बॉर्डर पर शुक्रवार को नेपाल से बॉर्डर क्रॉस कर अपने अपने घर जाने के लिए हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों का जत्था पहुंचा। वे लोग दो दिनों से छोटे छोटे बच्चों बुजुर्गों एवं महिलाओं समेत भारी सामानों के साथ भूखे प्यासे घर जाने के लिए नेपाल के जटही में रुके हैं। भूख और प्यास की शिद्दत से लाचार बुजुर्ग व मासूम बच्चें घर जाने के लिए बॉर्डर पर बेबस हैं। दरसअल प्रवासियों को भारतीय सीमा पर तैनात एसएसबी ने अनाधिकृत रास्ता बताकर रोक दिया है। पिपरौन एसएसबी कंपनी इंचार्ज इंस्पेक्टर हंसराज वर्मा ने प्रवासियों को कहा कि लॉकडाउन के कारण बॉर्डर सील है। बिना प्रशासनिक अनुमति के प्रवासियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
बहरहाल, प्रवासी मजदूर अपने बच्चों व महिलाओं के साथ बॉर्डर खुलने के इंतजार में जटही में नदी किनारे रुके हुए हैं। प्रवासियों का कहना है कि नेपाल में जहां काम करते हैं वहां खाना पीना नहीं मिल रहा है। नेपाल में भी लॉकडाउन के कारण दुकानें भी बंद है। यातयात भी बंद है। नेपाल से यहां बॉर्डर तक इतनी दूर पैदल काफी मुसीबतों का साथ पहुंचे हैं। पैदल चलते चलते बच्चों व बुजीर्गों की हालत खराब हो चुकी है। हालांकि कुछ लोग खुली सीमा के कारण खेतों के रास्ते भारत मे प्रवेश भी कर गए। एसएसबी कमांडेंट शंकर सिंह ने बताया कि पिपरौन मार्ग अभी आवागमन के लिए अनाधिकृत है। केवल रक्सौल व जोगबनी बॉर्डर बॉर्डर इसके लिए अधिकृत है।
रिपोर्टर – शादाब अख़्तर