नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने लोन मोरेटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई को गुरुवार 19 नवंबर तक के लिए टाल दिया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने इससे पहले इस मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर को की थी और यह मामला दो नवंबर तक के लिए टाल दिया था। इसके बाद इस पर आज इसकी सुनवाई को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उच्चतम न्यायालय कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण ब्याज पर ब्याज माफ किए जाने तथा अन्य आवश्यक निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
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गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में सावधि जमा योजना के पुनर्भुगतान पर तीन महीने के मोरेटोरियम की घोषणा की थी जिसे आगे चलकर 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था। इस घोषणा का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए किया गया था।
इस मामले में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक पहले ही सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल कर बता चुके हैं कि सरकार ने मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज न वसूले जाने की योजना तैयार की है और दो करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वालों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा। यह भी बताया गया था कि दो करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का वसूला गया अंतर पांच नवंबर तक कर्जदारों के खातों में वापस कर दिया जाएगा।
वार्ता