भारत त्योहारों और पर्वों का देश है। भारत में आए दिन उत्सव का माहौल बना रहता है। लेकिन उत्सव मनाना सिर्फ़ त्योहारों तक ही सीमित नहीं है। यह हर्षोल्लास चुनावों में भी देखने मिलता है। कभी लोकसभा, तो कभी राज्यसभा।
इसके आलावा राज्यों तथा स्थानीय चुनावों के कारण भी देशभर में चुनावी घमासान जारी रहता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव का अपना मत प्रकट किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक राष्ट्र-एक चुनाव को देश की जरूरत बताते हुए आज कहा कि अलग-अलग समय पर चुनावों से खर्च तो बढ़ता ही है विकास के कार्य भी प्रभावित होते हैं।
पीएम मोदी ने गुजरात के केवडिया में पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा,“एक महत्वपूर्ण विषय है चुनावों का। वन नेशन वन इलेक्शन सिर्फ एक चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि ये भारत की जरूरत है। हर कुछ महीने में भारत में कहीं न कहीं बड़े चुनाव हो रहे होते हैं। इससे विकास के कार्यों पर जो प्रभाव पड़ता है, उसे आप सब भली-भांति जानते हैं। ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन पर गहन अध्ययन और मंथन आवश्यक है।”
उन्होंने कहा कि इसमें अधिष्ठाता मार्गदर्शन और पहल कर सकते हैं। इसके लिए लोकसभा , विधानसभा या फिर पंचायत चुनाव सबके लिए एक ही मतदाता सूची बनायी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसके लिए हमें सबसे पहले रास्ता बनाना होगा। आज हरेक के लिए अलग-अलग वोटर लिस्ट है, हम क्यों खर्चा कर रहे हैं, समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं। अब हरेक के लिए 18 साल से ऊपर तक तय है। पहले तो उम्र में फर्क था, इसलिए थोड़ा अलग रहा, अब कोई जरूरत नहीं है।”