नयी दिल्ली। देश के 11 किसान संगठनों ने सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भेंटकर नए कृषि सुधार कानूनों के प्रति अपना समर्थन और विश्वास व्यक्त किया।
संगठनों द्वारा सौंपे गए पत्रों में कहा गया है कि ये कृषि सुधार कानून किसानों एवं कृषि क्षेत्र की दशा-दिशा में आमूलचूल सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले हैं और इन्हें सरकार किसी भी परिस्थिति में वापस न लें।
देश के विभिन्न हिस्सों के किसान संगठनों- इंडियन किसान यूनियन नई दिल्ली, राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन लखनऊ, राष्ट्रीय युवा वाहिनी लखनऊ, अखिल भारतीय बंग परिषद नई दिल्ली, भारतीय किसान संगठन दिल्ली प्रदेश, कृषि जागरण मंच पश्चिम बंगाल, प्रगतिशील किसान क्लब हरियाणा, जे एंड के किसान काउंसिल जम्मू और कश्मीर, जे एंड के डेरी प्रोड्यूसर्स प्रोसेसर्स एंड मार्केटिंग कॉप. यूनियन लिमिटेड जम्मू, महाराष्ट्र राज्य कृषक समाज जलगांव-महाराष्ट्र और भारतीय कृषक समाज गाजियाबाद के प्रतिनिधिमंड ने कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में श्री तोमर को ज्ञापन दिया।
मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई निजी स्वार्थ नहीं है, उनका एकसूत्रीय कार्यक्रम है देश का विकास व जनता का कल्याण। कृषि समृद्ध हो और अन्नदाता की आर्थिक स्थिति सुधरे, इसी उद्देश्य के प्रति हमारे प्रधानमंत्री पूरी तरह से समर्पित है।
कृषि मंत्री ने कहा कि आज खाद्यान्न के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में जाने जाते हैं। इसके पीछे किसानों का परिश्रम, वैज्ञानिकों का अनुसंधान व सरकार की कृषि हितैषी नीतियां हैं। एक समय था जब हम खाद्यान्न की दृष्टि से अभावग्रस्त थे, आबादी बढ़ रही थी लेकिन हम अभाव से जूझ रहे थे, इसलिए उस समय की सरकारों, किसानों, वैज्ञानिकों ने उत्पादकता बढ़ाने पर बल दिया। तब हमारी नीतियां उत्पादन केंद्रित थी, अब हम उत्पादन की दृष्टि से सरप्लस हो गए हैं। आज सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसी नीतियां बनाई जाए जिसमें खाद्यान्न की बर्बादी रूके, कृषि में निजी निवेश आए, किसानों का शोषण रूके, उन्हें अपनी उपज के बेहतर व लाभकारी दाम मिले, किसान महंगी फसलों एवं उन्नत कृषि की ओर अग्रसर हो सके, इंस्पेक्टर राज खत्म हो सके, किसान वैश्विक मानक का उत्पादन करें और हमारा कृषि निर्यात बढ़े। इसीलिए ये सुधार किए गए हैं। ये सुधार आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
वार्ता