उपराष्ट्रपति तथा राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज लोगों से नई जीवन शैली अपनाने का आग्रह किया और कोरोना संक्रमण के अभी तक के अनुभवों से सीख लेते हुए, इस वायरस का सामना करने के लिए 12 सूत्रीय नव नॉर्मल प्रतिपादित किए। इन आशंकाओं के बीच कि हमें इस वायरस के साथ उम्मीद से अधिक समय तक रहना पड़ सकता है, उन्होंने जीवन और मानवता के प्रति नया दृष्टिकोण विकसित करने पर बल दिया।
लॉकडाउन 4.0 की घोषणा के बाद नायडू ने, कोविड 19 संक्रमण द्वारा उठाए गए गभीर वैचारिक और नैतिक प्रश्नों पर एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट लिखा जिसमें भावी जीवनशैली पर विमर्श किया गया है। लॉक डाउन 4.0 में पर्याप्त ढील दी गई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘इस संक्रमण ने हमारी आपसी निर्भरता को रेखांकित किया है। उनका कहना है कि ” जो चीज कहीं किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है वो सबको, सभी जगह प्रभावित करेगी, चाहे वह बीमारी हो या अर्थव्यवस्था”।
कोरोना से पूर्व, मानव प्रवृत्ति की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने लिखा कि भौतिक सुखों और उपभोग की अंधी दौड़ में मनुष्य अकेला बन गया था। परिवार और समाज उसके लिए बंधन मात्र थे। उसका आत्मविश्वास अभिमान की सीमा तक बढ़ गया था जिसने उसे यकीन दिला दिया था कि दूसरों के जीवन को नजरंदाज करके भी, वह अकेले सिर्फ अपने लिए ही जी सकता है।