आगामी लोक सभा चुनाव 2024 के लिए बिहार में एनडीए द्वारा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद से नाराज केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) पशुपतिनाथ पारस ने आज अपने मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी है। पशुपति पारस दिल्ली पत्रकारों से बात करते हुए यह घोषणा की। इसके साथ ही शाम को चार बजे पारस दिल्ली से पटना के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस और उनके पार्टी के नेता इंडी गठबंधन के संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि यहाँ से पशुपति को 5 सीटें दी जा सकती है।
एनडीए गठबंधन में नहीं मिली थी कोई सीट
दरअसल, एनडीए सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते में राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपतिनाथ पारस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के दावे को नजरअंदाज किया गया है। एनडीए में उसे एक भी सीट नहीं दी गई है। जबकि उनकी भतीजे चिराग पासवान की पार्टी को 5 सीटें दी गई है।
इंडी गठबंधन में हो सकते है शामिल
18 मार्च को एनडीए द्वारा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद पारस ने अपने सरकारी आवास पर पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। इसमें राजग से नाता तोड़ कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया गया। बैठक में पशुपति पारस ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि जब राजग ने हमारी पार्टी का सम्मान नहीं किया है तो पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। इसको लेकर हमारी पार्टी की बात लालू यादव से हुई है और यह बात सकरात्मक रही है।
इन सीटों पर हो सकती है इंडी गठबंधन से बातचीत
दिल्ली में पारस के आवास पर देर शाम तक चली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की बैठक में अन्य विकल्प पर चर्चा हुई. इससे पहले भी पारस ने पहले ही साफ कर दिया था कि हम राजग में सीट शेयरिंग की घोषणा तक इंतजार करेंगे। अब हमारे लिए एकमात्र विकल्प बचा है। पार्टी के लिए अस्तित्व का सवाल है। राजग में मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। पार्टी सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन में हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली और नवादा लोकसभा सीट मिलेगी. पारस खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे।