उन्नाव :- लखनऊ मण्डलायुक्त मुकेश मेश्राम व जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में उ0प्र0 शासन के कानून व्यवस्था एवं विकास सम्बन्धी कार्यक्रमों, रू0 50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते मण्डलायुक्त महोदय द्वारा कोरोना से बचने के उपाय बताये गये, उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से ऊपर व 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से रोकें, मास्क व रूमाल तथा गमछा, साबुन, सैनिटाइजर आदि का प्रयोग करने के लिये।
ग्राम वासियों को जागरूक करें, आंख, कान, नाक में बार-बार हाथ लगाने से बचें साथ ही दो मीटर की दूरी भी बना कर रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धा के रूप में जैसे अभी तक सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ कार्य किया है वैसे ही आगे भी करते रहें।
बैठक में मण्डलायुक्त ने कहा कि मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके इसलिए प्रदेश को 01 लाख करोड़ रुपए मनरेगा के अंतर्गत बजट प्रावधान हो रहा है, मनरेगा योजना के अन्तर्गत प्रवासियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर विभाग के प्रभारी को अच्छे से मन लगाकर काम करना है।
जिससे कि समाज व देश का भला हो सके। कनवर्जन में ज्यादा से ज्यादा बड़े काम लेने होंगे।बैठक में यातायात व्यवस्था व नियमों के अनुपालन, एक जनपद एक उत्पाद योजना, चकबन्दी वादों का निस्तारण, चिकित्सा एवं स्वाथ्य से जुडी योजनाओं में चिकित्सकों की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, एम्बुलेंस सेवाओं की स्थिति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम आदि बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
विभिन्न विभागों की पेंशन, छात्रवृत्ति, आदि योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास, आवास योजना ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री गा्रम सड़क योजना, राष्ट्रीय गा्रमीण पेय जल योजना, सड़कांे की गड्ढा मुक्ति, नई सड़कों का निर्माण, नगरीय स्ट्रीट लाईटिंग, अमृत एवं स्मार्टसिटी योजना, गा्रमों का ऊर्जीकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा 50 लाख से अधिक लागत की अधूरी परियोनाओं (सड़कांे को छोड़कर) की स्थिति आदि के बारे में विभागवार समीक्षा की गई।
मण्डलायुक्त ने अधिशासी अभियन्ता विद्युत, एक्स0ई0एन0 जल निगम, एक्स0ई0एन0 खण्ड शारदा नहर, उन्नाव, खनन विभाग, को कडे निर्देश देते हुए समस्त अधिकारियों को कार्यों की प्रगति बढ़ाने के निर्देश देते हुये कहा कि, पेंशन समेत विभिन्न विभाग अपनी गति को बढ़ाएं, ताकि लाभार्थी को समय से योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रत्येक सी0एच0सी0 पर मरीजों के लिये हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने, जन जागरूकता कार्यक्रम, होर्डिंग्स आदि लगवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आशा एवं ए0एन0एम0 के माध्यम से पल्स आॅक्सी मीटर द्वारा प्रत्येक घरों में जांच करवायें और लोगों को योग करने हेतु प्रेरित करें, आशाओं का भुगतान समय से करें।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी विभागीय योजनाओं की प्रगति धीमी हुई तो संबंधित अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को प्रगति में सुधार करने हेतु चेतावनी दी। उन्होंने एक्स0ई0एन0 जल निगम को चेतावनी देते हुये कहा कि शासन द्वारा निर्धारित जलापूर्ति जनपद का ग्रेड पीछे नहीं होना चाहिए। कहीं से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिये। विद्युत अभियन्ता को जनपद का ग्रेड में सुधार के सख्त निर्देश दिये।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि लक्ष्य के अनुरूप कार्य शतप्रतिशत समय से पूर्ण हो।
पशुपालन के जितने आश्रय स्थल हैं उसके किनारे तरल जीवामृत तथा सौलिड जीवामृत बनावाने के निर्देश मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को दिए।
तरल जीवामृत बनाने की विधि बताते हुये उन्होंने कहा 05 से 10 लीटर गौमूत्र, 10 किलो देसी गाय का गोबर, 01 से 02 किलो गुड़ (जितना पुराना हो उतना अच्छा होगा), 01 से 02 किलो बेसन, पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे (जहां पर केमिकल फर्टिलाइजर ज्यादा न पड़ा हो) की एक मुट्ठी मिट्टी, 200 लीटर पानी के ड्रम में सारी चीजें डाल दें तथा जूट की बोरी से ढक कर छाया में रख दें, एक बड़ा डंडा लेकर क्लॉक वाइज घुमाकर 48 घंटे तक रखे रहना है, उसके बाद सात दिन के अंदर उपयोग कर लेना है।
उन्होंने कहा एक एकड़ भूमि में 05 लीटर तरल जीवामृत इस्तेमाल करने से ही अच्छा प्रभाव पड़ता है। 21 दिन बाद फिर से छिड़काव कर लें। उन्होंने कहा सॉलिड जीवामृत का भी प्रयोग किया जा सकता है। उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया कि किसानों को जीवामृत खेती के लाभ बतायें। मुख्य विकास अधिकारी डा0 राजेश कुमार प्रजापति को निर्देश दिए कि जनपद के जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये आवास की व्यवस्था अवश्य करायें।
उन्होंने कहा कि गांव में केमिकल युक्त पानी नहीं जाना चाहिए, नदी नाले के दोनों साइड में जितना एरिया है उन पर वृहद स्तर पर स्थानीय प्रजातियों का सघन वृक्षारोपण कराने के निर्देश दिये। पेड़ लगाकर पेड़ों की देखरेख नियमित रूप से करते रहें जितने भी नगर पालिका नगर पंचायत हैं उनके 200 वर्ग मीटर में ट्रेनिंग कराने के निर्देश दिये।
तीन तरह के पेड़ लगाने हैं पहले सबसे बड़ा, फिर उससे छोटा, फिर सबसे छोटा। पेड़ अपने को मजबूत करके दूसरे पेड़ों को भी बचाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचना है तो हमें अपनी प्राकृतिक पद्धति की तरफ चलना होगा। उन्होंने समस्त विभागों को वृक्षारोपण की तरफ समर्पित होने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में सहजन, कड़ी पत्ता, नीम, आम, अमरूद, जामुन आदि के पेड़ लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर हम इसी तरह से वृक्षारोपण करते रहेंगे तो आने वाले 05 वर्षों में पेड़ों की संख्या बढ़ेगी, वाटर लेवल बढ़ेगा।
जिससे वातावरण शुद्ध होगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि जिन स्कूलों में बाउंड्री नहीं है उनमें बाउंड्री बनवायें, वृक्षारोपण किचन गार्डन के अनुसार होना चाहिये। बड़े-बड़े कैम्पस हैं तो बांस के पेड़ लगाने के निर्देश दिये, करौंदा, नींबू आदि लगवायें। खेल के मैदान बनवाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा उच्च शिक्षाा, माध्यमिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा तीनों को ही यह कार्य करना है। उन्होंने कहा कार्यालयों में लेमन ग्रास लगवायें, लेमन ग्रास मच्छरों को भगाने के लिए काम आता है। सम्बन्धित अधिकारियों को पुराने अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा जो अधूरे कार्य हैं उन्हें जल्द से जल्द पूरा कराएं।
बैठक के अन्त में जिलाधिकारी ने मण्डलायुक्त को आश्वस्त करते हुये कहा कि निश्चित ही लक्ष्य के अनुसार कार्यों में प्रगति की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 राजेश कुमार प्रजापति, अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, राकेश गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ आशुतोष कुमार, परियोजना निदेशक जनार्दन, डी0ई0एस0टी0ओ0, राजदीप वर्मा, सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट पंकज शुक्ला