राजगढ़ (मध्य प्रदेश):- राजगढ़ जिले के जीरापुर समीप ग्राम नाईहेड़ा,बाल विवाह एक अभिशाप है यह रूढ़िवादी प्रथा है| इसको लेकर शासन-प्रशासन भी लगातार बाल विवाह नहीं हो इसके लिए प्रयास रत हैं | इसके बावजूद भी वर्तमान समय में भी बाल विवाह करने के कुत्सित प्रयास किए जाते हैं, हाल ही में समीपवर्ती ग्राम नाईहेड़ा में बाल विवाह किये जाने की जानकारी प्रशासन को लगी , उसी आधार पर प्रशासन ने तत्परता पूर्वक ग्राम नाईहेड़ा पहुंचकर बाल-विवाह करने वाले परिवार को समझाइश देकर बाल विवाह नहीं करने की सलाह दी | बाल-विवाह के दुष्परिणाम भी बताये अधिकारियों की समझाइश उपरांत परिजनों ने भी विवाह रोके जाने पर सहमति जता दी है, पैसे की तंगी को लेकर उठाया कदमपरिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि बड़ी बेटी की शादी कर रहे हैं आर्थिक स्थिति बहुत खराब है इसलिए दोनों बेटी का विवाह एक साथ करना चाह रहे थे। लेकिन पत्रिका छप चुकी थी, परन्तु बाद में हमने तय किया था कि छोटी बालिका लक्ष्मी का विवाह नहीं करेगे।18 साल के बाद ही बेटी का विवाह करने का भरोसा दिलाया। टीम ने पंचनामा तैयार कर माता पिता सहित पंचों से हस्ताक्षर कराए हैं |
चाइल्ड लाइन राजगढ़ रजनी प्रजापति , महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी नूपुर सांखला, ने बताया नाईहेडा के प्रहलाद की 13 वर्ष 6 माह की बेटी का विवाह खुजनेर के पास ग्राम मुंडला के जितेन्द्र से तय हुआ विवाह 27 दिसम्बर को होने वाला था, परियोजना अधिकारी नूपुर सांखला, सुपरवाइजर मंजू शर्मा, सुपरवाइजर अरुणा त्रिवेदी, हेड कांस्टेबल मानसिंह, धर्मेंद्र अहिरवार, शिव मेरोठा, राहुल धाकड़, प्रभात राजपूत, ने मौके पर पहुंचकर इस बाल विवाह को होने से रुकवाया।
संवाददाता :- कमल चौहान