यह पंक्तियां उन लोगों पर एकदम फिट बैठती हैं, जिन्होंने अपने काम को बड़ी खामोशी व खूबसूरती के साथ अंजाम दिया करते है और जब उन्हें सफलता मिली तो कुछ लोग उस पर अपना ठप्पा लगाकर अपनी ब्रेंडिंग चमकाने लगे
ऐसी ही एक कहानी हमारे एक छोटे से कस्बे बड़ोदा मेव से शुरू होती है जहाँ से होकर उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश के लिए बड़ी संख्या में प्रवासीमजदूर होकर गुजर रहे थे
भयंकर गर्मी में भूख और प्यास सहन कर अपने पथ पर जा रहे मजदूरों की पीड़ा कस्बे के युवाओं से नही देखी गयी और अपना सब घर भार छोड़ लग गए मजदूरों की सेवा करने के लिए
कहते है जहाँ चाह होती है वहाँ राह होती है कस्बे के युवाओं की हिम्मत देख स्थानीय भामाशाहों ने युवाओं पर भरोसा दिखाया और इन युवाओं ने वो कर दिखाया जिसकी चर्चा आज पूरे बड़ोदामेव वासी बड़े गर्व के साथ चर्चा करते है
एक रात अचानक 700 मजदूर कस्बे के मेन रोड पर आकर थककर रुक गए जिसकी जानकारी इन युवाओं की जैसे ही मिली इन युवाओ ने तत्काल प्रत्येक घरों से 5 रोटी और सब्जियां ओर दूध एकत्रित कर उन मजदूरोंकी व्यवस्था की ओर यह व्यवस्था अब तक 15000 हजार खाने के पैकेट 800 से ज्यादा राशन किट 200 लीटर से ज्यादा दवा से छिड़काव – व नंगे पैर चल रहे बच्चो को चप्पल की व्यवस्था कर चुके है और प्रशासन की मदद से अब तक 68 बसों की व्यवस्था करवाकर मजदूरों को अपने गंतव्य तक भिजवा चुके है
साथ ही 2 व्यक्ति जिसकी चर्चा नही होती तो शायद बात अधूरी रह जाती वो है बड़ोदा मेव थानाधिकारी दिनेश मीणा व उप तहसीलदार विशंभर दयाल वशिष्ठ जिन्होंने अपने क्षमता से कही अधिक जाकर इन युवाओं का साथ दिया और अपने कर्त्वय का पालन बखूभी किया
कुछ दिन पूर्व जब स्थानीय विधायक सफिया खान की vc मुख्यमंत्री से होती है तो विधायक द्वारा उन्हें जानकारी दी जाती है कि वहां हमने राशन किट की व्यवस्था की है और भामशाओ ने किट दान भी दी है और यूथ कांग्रेस ने बहुत अच्छा काम किया है
जबकि सत्य इससे कोसो दूर था इन युवाओं भामशाओ की मेहनत का इनाम यूथ कांग्रेस को देना इन युवाओं की मेहनत के साथ छलावा करने जैसा था
यह कटु सत्य है प्रदेश में जो चाहे शहर हो या कस्बे की बात हो अगर सरकारी किट ओर भोजन की वास्तिवक मदद अगर पहुचती तो समाज सेवियों को सड़कों पर अपनी जान पर खेल अपने परिवार की सुरक्षा को ताक पर नही रखना पड़ता
ओर इतने दिन सेवा करने के बाद अगर कोई आकर कहे कि आपके कस्बे में यूथ कांग्रेस ने बहुत अच्छा काम किया तो यह सेवा करने वालो के साथ अन्याय होगा
मैं उन सेवादारों के नाम सार्वजनिक तौर पर लिख रहे है यह हमारे कोरोना वारियर्स है जिन्हें प्रणाम करने की जरूरत है अंकित खंडेलवाल , सुन्नी अरोड़ा ,मनीष खंडेलवाल, हितेश शर्मा, दिलीप गर्ग, रोहित अरोड़ा, नितिन मनुजा, शरद खंडेलवाल,रवि,खान विष्णु खंडेलवाल,राजेन्द्र शर्मा ,लवली अरोड़ा, आर्यन शर्मा,योगेश ओर इसके अलावा कस्बे के सभी भामशाओ को नमन करते है जिन्होंने बिना स्वार्थ दिन रात इस महामारी में अपना पुरुषार्थ दिया