भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशनों के विकास, संचालन और प्रबंधन में एक प्रमुख योगदानकर्ता, ज़ाइनेटिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उन्नत एसी और डीसी फास्ट चार्जर्स के नवाचार और तैनाती को आगे बढ़ाएगा, जो भारत में EV बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ज़ाइनेटिक EV इकोसिस्टम के लिए टिकाऊ, उच्च-प्रदर्शन चार्जिंग समाधान बनाने में सबसे आगे है। अत्याधुनिक EV चार्जिंग तकनीकों में विशेषज्ञता रखने वाली ज़ाइनेटिक EV इंफ्रास्ट्रक्चर में अपने अग्रणी काम के माध्यम से भारत के स्वच्छ और अधिक टिकाऊ भविष्य की निर्माण का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस समझौता ज्ञापन के तहत, आईआईटी कानपुर और ज़ाइनेटिक EV चार्जिंग तकनीक में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान, अकादमिक आदान-प्रदान और परामर्श में अपनी ताकत को जोड़ेंगे। यह संयुक्त प्रयास पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, एम्बेडेड सिस्टम और पूर्वानुमानित रखरखाव के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। आईआईटी कानपुर की उन्नत अनुसंधान क्षमताओं और ज़ाइनेटिक की उद्योग विशेषज्ञता का लाभ उठाकर, इस सहयोग का उद्देश्य अगली पीढ़ी के EV चार्जर विकसित करना है जो बेजोड़ विश्वसनीयता और दक्षता के साथ भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की मांगों को पूरा करना हैं।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, आईआईटी कानपुर के निदेशक ने कहा, “ज़ाइनेटिक के साथ यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि कैसे शिक्षा और उद्योग मिलकर EV इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर सकते हैं और भारत को अपने हरित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। 2030 तक 30% नए निजी वाहन पंजीकरण EV होने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 8 करोड़ EV की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक बड़े पैमाने पर चार्जिंग इकोसिस्टम की आवश्यकता होगी। यह सहयोग आईआईटी कानपुर को भारत के ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान करने और सभी के लिए एक स्वच्छ, अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में वैश्विक आंदोलन का समर्थन करने में सक्षम बनाएगा।”