कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत बारादेवी से नौबस्ता के बीच बन रहे एलिवेटेड सेक्शन का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इस कड़ी में आज लगभग 5 किमी. लंबे उक्त सेक्शन के दो और निर्माणाधीन स्टेशनों; वसंत विहार और नौबस्ता पर डबल टी-गर्डर्स के परिनिर्माण (इरेक्शन) का काम पूरा कर लिया गया। इसके साथ ही उक्त सेक्शन के 5 में से 4 स्टेशनों पर डबल-टी गर्डर्स के इरेक्शन का काम पूरा कर लिया गया है। एलिवेटेड सेक्शन में क्रॉसओवर या ट्रैक चेंज के लिए प्रयोग होने वाले आई-गर्डर्स की ढलाई भी पूरी हो चुकी है।
विदित हो कि बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में कुल 5 मेट्रो स्टेशन तैयार होने हैं, जिनके कॉनकोर्स (उपरिगामी स्टेशन का पहला तल) का आधार तैयार करने के लिए डबल टी-गर्डर रखे जा रहे हैं। बारादेवी और किदवई नगर के निर्माणाधीन स्टेशनों पर इनका परिनिर्माण पहले ही किया जा चुका था। अब इनके आगे के एक स्टेशन वसंत विहार और कॉरिडोर-1 के आखिरी स्टेशन नौबस्ता में भी इनका परिनिर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। वसंत विहार और नौबस्ता स्टेशन पर क्रमशः 52 और 54 डबल टी-गर्डर्स का प्रयोग किया गया है।
बता दें कि देश के अंदर उपरिगामी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को आधार देने के लिए सबसे पहले डबल टी-गर्डर्स का प्रयोग कानपुर मेट्रो ने ही किया था। प्रॉयोरिटी कॉरिडोर (आईआईटी से मोतीझील) के सभी स्टेशनों के निर्माण में भी डबल टी-गर्डर्स का प्रयोग किया गया है। इन डबल टी-गर्डर्स को पियर कैप और यू-गर्डर की तरह ही कास्टिंग यार्ड में तैयार किया जाता है। कास्टिंग यार्ड में तैयार होने के बाद डबल टी-गर्डर्स को क्रेन की सहायता से निर्धारित मेट्रो स्टेशन पर रखा जाता है, जिस प्रक्रिया को इरेक्शन या परिनिर्माण कहते हैं।बारादेवी-नौबस्ता के सभी 5 स्टेशनों को मिलाकर कुल 264 डबल टी-गर्डर्स लगाए जाने हैं।
कानपुर मेट्रो की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने कहा, “कानपुर मेट्रो परियोजना के बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन का सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज बारादेवी और किदवई नगर के बाद वसंत विहार एवं नौबस्ता स्टेशन पर भी डबल टी-गर्डर्स के इरेक्शन का कार्य पूरा कर लिया गया। इस सेक्शन के सभी 166 पियर कैप्स का परिनिर्माण भी पूरा किया जा चुका है। नौबस्ता कास्टिंग यार्ड में भी आई-गर्डर्स, डबल टी-गर्डर्स और पियर कैप्स की कास्टिंग पूरी की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश मेट्रो के इंजीनियरों की टीम शहरवासियों को समय पर मेट्रो सेवा उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात प्रयासरत है। दिसम्बर, 2021 में निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रॉयोरिटी सेक्शन (आईआईटी से मोतीझील) पर यात्री सेवा आरंभ करने के बाद हम कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन में भी समयबद्ध प्रगति कर रहे हैं।‘‘
नौबस्ता कास्टिंग यार्ड में आई-गर्डर्स की ढलाई हुई पूरी
कानपुर मेट्रो के एलिवेटेड सेक्शन में प्रयुक्त होने वाले कुल 64 आई-गर्डर्स की ढलाई नौबस्ता स्थित कास्टिंग यार्ड में पूरी कर ली गई। अंग्रजी अक्षर ‘आई’ के आकार के इन गर्डर्स का प्रयोग प्रायः एलिवेटेड अवसंरचना में क्रॉसओवर या ट्रैक चेंज की व्यवस्था के लिए किया जाता है।
विदित हो कि कास्टिंग यार्ड में एलिवेटेड कॉरिडोर के सिविल ढाँचे की कई संरचनाएँ (पियर कैप, यू-गर्डर, आई-गर्डर, डबल टी-गर्डर आदि) प्री-कास्ट की जातीं हैं। कास्टिंग यार्ड में इन्हें तैयार करने के बाद क्रेन की सहायता से निर्धारित स्थान पर इनका परिनिर्माण किया जाता है। अब तक कास्टिंग यार्ड में यू-गर्डर्स को छोड़कर बाकी सभी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं; आई गर्डर्स, डबल टी-गर्डर्स और पियर कैप्स की ढलाई पूरी की जा चुकी है।
वर्तमान में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन के अलावा कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन और चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन पर भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। कॉरिडोर -2 के रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन पर भी निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है।